देश

ISRO के नए चीफ रॉकेट साइंटिस्ट एस. सोमनाथ बने

 तिरुवनंतपुरम

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र , तिरुवनंतपुरम के निदेशक और वरिष्ठ रॉकेट वैज्ञानिक एस सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अध्यक्ष बनाया गया है। वह इसरो के 10वें अध्यक्ष होने के साथ साथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव की जम्मिेदारी भी संभालेंगे। आधिकारिक रूप से यह जानकारी बुधवार को दी गई। सोमनाथ, के सिवन का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल एक साल के वस्तिार के बाद 14 जनवरी को पूरा हो रहा है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक बनने से पहले वह लिक्विड प्रोपलजल सस्टिमस सेंटर (प्रणोदन प्रणाली केंद्र ) के निदेशक रहे। वह उच्च शक्ति वाले सेमी कार्यजनिक ईंधन के विकास के काम से भी जुड़े रहे। उन्होंने चंद्रयान दो के लैंडर के इंजन के विकास में भी योगदान दिया था।

सोमनाथ ने केरल में कोल्लम स्थित पीकेएम इंजिनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजिनियरिंग में बी टेक की डिग्री हासिल करने के बाद भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु से अंतरिक्ष अभियानिकी में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी। उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया। वह 1985 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से जुड़े।

नवनियुक्त अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए व्यापार के अवसर प्रदान करने के वास्ते विकसित करने की जरूरत है और भावी पीढ़ियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में बदलाव करने की भी आवश्यकता है। सोमनाथ ने अंतरिक्ष बजट को मौजूदा 15,000-16,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000-50,000 करोड़ रुपये से अधिक किये जाने की आवश्यकता जताते हुए कहा, ''लेकिन अंतरिक्ष बजट में वृद्धि केवल सरकारी धन या समर्थन से नहीं हो सकती है। जैसे दूरसंचार और हवाई यात्रा जैसे क्षेत्रों में जो बदलाव हुए, वही बदलाव यहां भी होना चाहिए। इससे रोजगार के अधिक अवसर सृजित हो सकते हैं और अनुसंधान एवं विकास बढ़ सकता है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इसरो का निजीकरण किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button