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पिछले चार विधानसभा चुनावों में जानिए क्या था वोटिंग परसेंटेज

हल्द्वानी
निर्वाचन आयोग के अनुसार इस बार विधानसभा चुनाव में वोटिंग का समय एक घंटा बढ़ाया गया है। 14 फरवरी को प्रस्तावित तिथि के दिन सुबह 8 से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। राज्य बनने के बाद अब तक हुए विधानसभा चुनाव में ऐसा पहली बार होगा कि शाम 5 बजे बाद भी वोटिंग चलेगी। ऐसे में वोटिंग परसेंटेज भी बढ़ने की संभावना है। बीते चुनावों में यह देखने को मिला है कि सुबह के पहले एक-दो घंटे और लास्ट के एक घंटे में सबसे अधिक मतदान होता रहा है। 2002 में सबसे कम औसतन 3 लाख लोगों ने हर घंटे वोट डाला। जबकि 2017 में हर घंटे करीब साढ़े 5 लाख लोगों ने मतदान किया। इस लिहाज से यह अनुमान लगाना गलत नहीं होगा कि इस बार बढ़ाए गए एक घंटे में राज्य की 70 सीटों पर करीब 5 लाख वोट अधिक पड़ेंगे।

निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, इस बार उत्तराखंड के 13 जिलों में मतदाताओं की कुल संख्या 81.43 लाख है। इनमें से 42.24 लाख पुरुष व 39.19 लाख महिला मतदाता हैं। जबकि पूरे प्रदेश में करीब 94 हजार सर्विस मतदाता हैं। राज्य गठन के बाद से अब तक हुए किसी भी चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने की चुनौती हमेशा से रही है, जिसके चलते आंकड़े अच्छे भी नहीं है। 14 फरवरी 2002 को हुई विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में 54.21%, 21 फरवरी 2007 को 63.72%, 30 जनवरी 2012 को 67.22% और 15 फरवरी 2017 को 65.85% मतदान हुआ। यदि इस बार भी करीब 60% मतदान का औसत मानकर चलें तो 81.43 लाख में से करीब 49 लाख लोग वोट डालेंगे। वहीं, इसमें इस बार मतदान का बढ़ाया गया एक घंटा और जोड़ दें तो करीब 5 लाख के आसपास वोट अधिक पड़ेंगे
 

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