बिजली की कमी के चलते कई यात्री ट्रेनें रद्द, मालगाड़ियों की तेज की गई स्पीड

नई दिल्ली
भीषण गर्मी की वजह से देश में बिजली की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है, जिस वजह से एक बार फिर से देशव्यापी कोयला संकट खड़ा हो गया। इससे निपटने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया, जिसके तहत कुछ यात्री ट्रेनों को निरस्त किया गया है, ताकी कोयले को ले जा रही मालगाड़ियों की तेज आवाजाही हो सके। उम्मीद जताई जा रही कि इस कदम से आने वाले दिनों में हालात सुधर जाएंगे।
दरअसल देश में 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कोयले पर ही निर्भर है। कोयला सप्लाई ना होने की वजह से देश के कई हिस्सों में भारी बिजली कटौती हो रही। इसके अलावा उद्योगों की भी सप्लाई रोकनी पड़ी है, जिस वजह से अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा। ऐसे में सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती, जिसके चलते यात्री ट्रेनों को निरस्त कर कोयले वाली गाड़ियों के लिए बाधारहित मार्ग तैयार किया जा रहा है।
कब तक रद्द रहेंगी ट्रेनें?
मामले में भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने कहा कि ये उपाय अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही यात्री सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। उनकी कोशिश है कि कोयले को बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने में लगने वाले वक्त को कम किया जाए और सप्लाई में तेजी आए। उन्होंने भी उम्मीद जताई कि जल्द हालात सामान्य हो जाएंगे।
आपूर्ति में देरी के लिए रेलवे दोषी?
आपको बता दें कि भारतीय रेलवे को अक्सर कोयले की आपूर्ति में व्यवधान के लिए दोषी ठहराया जाता है क्योंकि मालगाड़ियों की कमी के कारण कोयले को लंबी दूरी तक ले जाना मुश्किल हो गया है। कई बार यात्री ट्रेनों की वजह से मालगाड़ियों को भी रोक दिया जाता है, जिससे शिपमेंट में देरी होती है। इसके बावजूद ये कोयले के परिवहन के लिए संयंत्र संचालकों का पसंदीदा विकल्प बना हुआ है।