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NARI का दावा- टीबी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू, 2 साल में भारत तैयार कर लेगा टीका

पुणे

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पुणे स्थित प्रयोगशाला राष्ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्थान (एनएआरआई) ने दावा किया है कि अगले दो सालों के भीतर भारत तपेदिक के खिलाफ टीका तैयार कर लेगा। इस टीके से सुरक्षा को लेकर तीसरे चरण के परीक्षण शुरू हो चुके हैं, जो 2024 तक पूरे होंगे। एनएआरआई के वैज्ञानिक डॉ. सुचित काम्बले ने बताया कि लार संबंधी पॉजिटिव पल्मोनरी टीबी मरीजों से स्वस्थ व्यक्तियों में ट्यूबरकुलोसिस के संचार को रोकने की कोशिश चल रही है। इसके लिए दो टीबी टीकों वीपीएम 1002 और इम्यूनोवैक की प्रभावकारिता और सुरक्षा को परखने के लिए परीक्षण चल रहे हैं। ये परीक्षण छह राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा के 18 शहरों में चल रहे हैं।  

परीक्षण के लिए 12,000 लोगों का पंजीकरण
परीक्षण के लिए छह साल या उससे ऊपर के 12,000 लोगों का पंजीकरण पूरा कर लिया गया है। अब 2024 तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र में परीक्षण के लिए कुल 1593 लोगों का पंजीकरण पूरा किया है। इन लोगों पर 38 महीने के लिए नियमित अंतराल पर नजर रखी जा रही है। पुणे में 2024 तक आखिरी फॉलोअप परीक्षण पूरा हो जाने की संभावना है।
 
काम्बले ने कहा कि आंकड़े के विश्लेषण के बाद वैज्ञानिक निष्कर्ष के आधार पर हम इन टीकों की प्रभावकारिता और सुरक्षा के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं। हम उम्मीद कर रहे हैं कि 2024 तक या अधिक से अधिक 2025 तक भारत के पास टीबी के विरूद्ध अच्छा और प्रभावी टीका होगा। बता दें कि 2025 तक भारत ने देश को टीबी मुक्त बनाने का भी लक्ष्य रखा है।

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