WEF में पीएम मोदी ने युवा टैलेंट को सराहा, कहा- कई देशों को कोविड वैक्सीन देकर भारत करोड़ों जीवन बचा रहा है
नई दिल्ली
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ऑनलाइन आयोजित होने जा रहे पांच दिवसीय दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विश्व के हालात’ विषय पर विशेष संबोधन देते हुए कहा कि एक तरफ भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, तो दूसरी ओर देश में वैक्सीन की 156 करोड़ खुराक भी दे चुका है और इस तरह से भारत ने दुनिया को उम्मीद का गुलदस्ता दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने दुनिया को उपहार में ‘उम्मीदों का गुलदस्ता’ दिया है. पीएम मोदी ने इस वैश्विक मंच से भारत के युवा टैलेंट की सराहना भी की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत जैसे मजबूत लोकतंत्र ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है. उम्मीदों का गुलदस्ता दिया है.
पीएम मोदी ने कहा कि इस बूके में हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट विश्वास है. इस बूके में 21वीं सदी को एंपावर करने वाली टेक्नोलॉजी है. इस बूके में हम भारतीयों का टेंपरामेंट है. हम भारतीयों का टैलेंट है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75 साल का जश्न मना रहा है, तो एक साल में 156 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन देने का भी जश्न मना रहा है.
उन्होंने कहा, “भारत जैसे मजबूत लोकतंत्र ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है और वह उपहार है बुके ऑफ होप. इस बुके में है हम भारतीयों का लोकतंत्र पर अटूट विश्वास. इस बुके में है 21वी सदी को सशक्त करने वाली प्रौद्योगिकी. इस बुके में है हम भारतीयों का टेंपरामेंट और हम भारतीयों की प्रतिभा.”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जिस बहुभाषी और बहुसांस्कृतिक माहौल में भारतीय रहते हैं, वह भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की बहुत बड़ी ताकत है और यह ताकत संकट की घड़ी में सिर्फ अपने लिए सोचना नहीं, बल्कि मानवता के हित में काम करना सिखाती है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उत्पादक है. कोविड के समय में हमने देखा है कि भारत किस तरह ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ के विजन पर चलते हुए कई देशों को जरूरी दवाएं और टीके देकर करोड़ों लोगों की जान बचा रहा है.”
दावोस एजेंडा में पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
- आज भारत कोरोना की एक ओर लहर का सावधानी और सतर्कता से मुकाबला कर रहा है. भारत आर्थिक क्षेत्र में भी कई आशावान परिणामों के साथ आगे बढ़ रहा है. भारत में आज आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्साह भी है. भारत आज एक साल में ही करीब 160 करोड़ वैक्सीन डोज देने के आत्मविश्वास से भी भरा है.
- जब से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तब से भारत में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में भोजन दिया जा रहा है. शायद दुनिया में इस प्रकार का यह सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा. हमारी कोशिश है कि संकट के कालखंड में गरीब से गरीब की चिंता सबसे पहले हो. इस दौरान हमने सुधार पर भी जोर दिया. सुधार के लिए हमारे कदमों को लेकर दुनिया के अर्थशास्त्री भी भरपूर सराहना कर रहे हैं. भारत बहुत मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
- आज भारत दुनिया में रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है. 50 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलपर भारत में काम कर रहे हैं. आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं. भारत में 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं.
- भारतीय युवाओं में आज एंटरप्रेन्योरशिप एक नई ऊंचाई पर है. 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्टअप थे. वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है. इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज़्यादा सिर्फ़ 2021 में ही बने हैं.
- आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल भुगतान मंच है. सिर्फ पिछले महीने की ही बात करें, तो भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से 4.4 बिलियन लेन-देन हुए है.
- आज वैश्विक परिदृष्य को देखते हुए, सवाल ये भी है कि बहुपक्षीय संगठन, नए वर्ल्ड ऑर्डर और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं? जब ये संस्थाएं बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं. आज परिस्थितियां कुछ और हैं. इसलिए हर लोकतांत्रित देश का ये दायित्व है कि इन संस्थाओं में सुधार पर बल दे ताकि इन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके.
- वन अर्थ, वन हेल्थ की दृष्टि पर चलते हुए अनेक देशों को हम जरूरी दवाइयां देकर, टीके देकर करोड़ों जीवन बचा रहे हैं. आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा प्रोड्यूसर है.. फार्मेसी टू वर्ल्ड है. आज भारत उन देशों में है, जहां के स्वास्थ्य पेशेवर, जहां के डॉक्टर अपनी संवेदनशीलता और विशेषज्ञता से सबका भरोसा जीत रहे हैं.
यह वर्चुअल कार्यक्रम 17 से 21 जनवरी, 2022 तक आयोजित किया जा रहा है. जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुआ वॉन डेर लेयेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, इज़राइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्ष भी इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.