देश

2।2 फीट तक धंस चुके हैं जोशीमठ के कुछ इलाके राज्‍य आपदा प्रबंधन विभाग के सर्वे में सामने आई जानकारी 

देहरादून । राज्‍य आपदा प्रबंधन विभाग के अफसरों ने पिछले दिनों जोशीमठ का ग्राउंड सर्वे किया था। इस सर्वे की रिपोर्ट हैरान करने वाली है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ के कुछ प्रभावित इलाके करीब 2।2 फीट यानी 70 सेंटीमीटर तक धंस चुके हैं। इससे पहले इसरो की भी एक रिपोर्ट आई थी। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की रिपोर्ट में बताया गया था कि बीते 12 दिन में जोशीमठ की जमीन 5।4 सेंटीमीटर धंस गई है। 
सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि जोशीमठ शहर 27 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच 5।4 सेंटीमीटर धंस गया है। 12 दिनों के अंदर शहर 5।4 सेंटीमीटर नीचे चला गया है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ग्राउंड सर्वे करने वाली टीम में शामिल एक वरिष्‍ठ अधिकारी का कहना है कि जोशीमठ के जेपी कॉलोनी के अंदर बैडमिंटन कोर्ट और उसके आसपास के इलाकों में करीब 70 सेमी तक भूधंसाव नजर आया है। इसके अलावा मनोहर बाग पॉकेट में करीब 7 से 10 सेमी तक धंसाव देखा जा सकता है। अधिकारी के मुताबिक जोशीमठ में जमीन की सतह में बदलाव को रिमोट सेंसिंग के जरिए जाना जा सकता है लेकिन जमीन के नीचे क्‍या हो रहा है इसकी विस्‍तृत जांच करने की जरूरत है। जोशीमठ में इसरो रिमोट सेंसिंग करा रहा है लेकिन ये ज्‍यादातर भूकंप आने के बाद की स्थिति में प्रभावी साबित होता है। 
भूवैज्ञानिक एसपी सती ने बताया जोशीमठ के कुछ हिस्‍सों में कई फीट तक धंसाव देखा गया है जबकि अन्‍य इलाकों में यह धंसाव कुछ इंच तक है। किसी चीज ने जमीन के धंसने को ट्रिगर किया जो तभी रुकेगा जब कोई बाधा पहुंचेगी या फिर यह चलता रहेगा। किसी चीज ने धंसने की शुरुआत की थी और अनियंत्रित होने पर यह जारी रहेगा। जोशीमठ के रहने वालों ने भी आपदा प्रबंधन दल की इस रिपोर्ट पर मुहर लगा दी है। 
स्‍थानीय निवासी दुर्गा प्रसाद सकलानी का कहना है कि उनका कमरा एक फुट से ज्‍यादा धंस चुका है जबकि बरामद 2 फुट तक धंस गया है। कमरे और बरामदे के धंसने की वजह से पूरा घर रहने लायक नहीं रह गया है। इसी तरह एक होटल के केयरटेकर चिराग प्रजापति ने बताया कि उनका होटल पिछले 15 दिनों में लगभग 6 इंच तक धंस गया है। पीछे की बिल्डिंग भी उनके होटल की ओर झुल गई है। आपको बता दें कि उत्‍तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्‍हा के नेतृत्‍व में 5-6 जनवरी को आठ सदस्‍यीय टीम ने फील्‍ड सर्वे किया था। इस टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2 जनवरी की रात जेपी कॉलोनी में जलधारा फटने से जलभराव बढ़ गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जलप्रवाह ने शायद कुछ भूमिगत खाली जगह बनाई है जो कॉलोनी के ऊपर और नीचे विभिन्‍न स्‍थानों में धंसने के रूप में दिखाई दे रही हैं। इससे कई बड़ी दरारें आ गई हैं जो एक मीटर से भी ज्‍यादा गहरी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Easy and Effective DIY: Remove Yellow Stains from Your Bathtub Restore the Whiteness: Effective Methods to Remove Yellowing Selecting Stunning Living Room Furniture for 9 Terrifying Mistakes Women Make That Drive Men Away Dentist Dad's Top 5 Tooth-Enemy No-Nos for The Spicy Food Debate: Impacts on the Body and Traditional Easter Pastry: How to Make Fluffy Pastries How to Make Easter Cakes Without Moulds: A Quick Foil Easy Ways to Clean Your Painted Walls: Quick Tips 6 Key The Impact of Cutting Ties: The Importance of Ending Secrets to Aging Gracefully: 5 Habits to When to Seek In-Home Psychiatric Care: A Guide for Knowing