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IPU, DTU, NSUT में सफल बिजनेस आइडिया देने वाले छात्रों को मिलेगा बिना प्रवेश परीक्षा दाखिला

नई दिल्ली
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों का एक सफल बिजनेस आइडिया उन्हें सीधे डीटीयू (दिल्ली तकनीकी विश्वविद्याल), आईपीयू, आईजीटीडीडब्ल्यू व एनएसयूटी जैसे बड़े विश्वविद्यालयों में सीधे दाखिला दिला सकता है। छात्रों दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले इन विश्वविद्यालयों में दाखिला पाने के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। सरकार ने छात्रों को उद्यमशीलता का पाठ बढ़ाने के लिए शुरू किए गए बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के तहत यह फैसला किया है। बिजनेस ब्लास्टर्स में शामिल होने वाले और आखिरी राउंड में सबसे सफल बिजनेस आइडिया देने वाले समूह के छात्रों को इन विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए 400 विशेष सीट का प्रावधान भी कर रही है। जिससे वह आगे बीबीए, बी.कॉम समेत अन्य कोई भी पढ़ाई करना चाहेंगे तो उन्हें सीधे दाखिला दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीते दिनों बिजनेस ब्लास्टर्स योजना के तहत दूसरे राउंड में पहुंचे छात्र के समूहों के साथ संवाद के दौरान यह घोषणा कर चुके है।

100 बेहतरीन बिजनेस आइडिया का लगाई जाएगी प्रदर्शनी
दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालयों में सीधे दाखिला पाने के लिए पहले छात्रों का बिजनेस आइडिया को चयनित होकर आखिरी 100 की सूची में शामिल होना पड़ेगा। सरकार उन सबसे बेहतरीन 100 बिजनेस आइडिया को लेकर एक प्रदर्शनी लगाएगी। जिससे उन आइडिया को और इनवेस्टमेंट मिल सके। उसमें इनवेस्टमेंट पाने वाले सफल बिजनेस आइडिया को चिन्हित करके उस समूह के छात्रों को आगे उनकी रूचि या बिजनेस के हिसाब से जो पढ़ाई जरूरी होगी उस पाठ्यक्रम में उस विश्वविद्यालय में सीधे दाखिला दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि सफल बिजनेल आइडिया ही उनकी प्रवेश परीक्षा होगी।

दूसरे राउंड में पहुंचे है 1000 बिजनेस आइडिया
वर्तमान में बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम अपने दूसरे राउंड में पहुंच चुका है। दूसरे राउंड में कुल 1000 आइडिया पहुंचा है। सरकार की इस योजना का सफलता आकलन इससे लगाया जा सकता है कि योजना के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले तीन लाखों छात्रों ने 51,000 आइडिया दिया था। जिसमें आज कई सफल है, अपने लागत से कई गुना कमा भी चुके है।

क्या है बिजनेस ब्लास्टर्स योजना
दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में 9वीं से 12वी कक्षा तक के बच्चों को उद्यमशीलता का पाठ पढ़ाने के लिए इस कार्यकर्म की शुरूआत की थी। सरकार का मकसद था कि स्कूलों से सिर्फ नौकरी ढूढ़ने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले भी निकलने चाहिए। सरकार ने बच्चों के बिजनेस आइडिया पर पैसा लगाने के लिए इस योजना के लिए बजट में 60 करोड़ रूपये सीड मनी के रुप में प्रावधान भी किया था। बच्चों को उनके बिजनेस आइडिया के हिसाब छोटे स्तर पर बिजनेस करने के लिए आर्थिक मदद दे सकती है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले तीन लाख बच्चों ने इसमें हिस्सा लिया, 51 हजार आइडिया लेकर आएं।

 

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