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सीहोर ने भोपाल-इंदौर जैसे जिलों को पीछे छोड़ा

सीहोर। आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची में मतदाताओं की जानकारी डिजिटाइज करने के मामले में सीहोर जिले ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के सभी बड़े महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। संसाधनों से भरपूर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे जिले जहां डिजिटाइजेशन के मामले में सबसे निचले पायदान ‘बॉटम.10’ पर हैं, वहीं सीहोर जिले ने 66.29 प्रतिशत डिजिटाइजेशन के साथ प्रदेश में टॉप परफॉर्मर का तमगा हासिल किया है।
22 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 5 करोड़ 74 लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग 2 करोड़ 76 लाख वोटर्स की एसआईआर डिटेल अभी भी डिजिटाइज होना बाकी है। प्रदेश का कुल डिजिटाइजेशन प्रतिशत केवल 48.11 प्रतिशत है।
हैरत की बात यह है कि विकास और सुविधाओं में आगे रहने वाले बड़े जिलों की परफॉर्मेंस छोटे जिलों जैसे सीहोर 66.29 प्रतिशत और अशोकनगर 65.71 प्रतिशत की तुलना में बेहद खराब है। भोपाल 24.91 प्रतिशत और इंदौर 26.35 प्रतिशत डिजिटाइजेशन के मामले में सबसे निचले पायदानों पर हैं, जो चुनावों की तैयारी पर सवाल खड़ा करता है।
सीईओ ने लगाई फटकार
खराब प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा और संयुक्त सीईओ आरपीएस जादौन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के काम की समीक्षा की। उन्होंने खासतौर पर बॉटम.5 जिलों में शामिल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के कलेक्टर्स को कड़ी फटकार लगाई। निर्वाचन अधिकारियों ने इन महानगरों के कलेक्टर्स को जल्द से जल्द फॉर्म कलेक्शन और डिजिटाइजेशन का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि चुनाव से पहले मतदाता सूची को शत प्रतिशत त्रुटिमुक्त किया जा सके। बता दें सीहोर जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर समन्वय को इस उत्कृष्ट प्रदर्शन का श्रेय दिया जा रहा है।आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची में मतदाताओं की जानकारी डिजिटाइज करने के मामले में सीहोर जिले ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के सभी बड़े महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। संसाधनों से भरपूर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे जिले जहां डिजिटाइजेशन के मामले में सबसे निचले पायदान ‘बॉटम.10’ पर हैं, वहीं सीहोर जिले ने 66.29 प्रतिशत डिजिटाइजेशन के साथ प्रदेश में टॉप परफॉर्मर का तमगा हासिल किया है।
22 नवंबर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 5 करोड़ 74 लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग 2 करोड़ 76 लाख वोटर्स की एसआईआर डिटेल अभी भी डिजिटाइज होना बाकी है। प्रदेश का कुल डिजिटाइजेशन प्रतिशत केवल 48.11 प्रतिशत है।
हैरत की बात यह है कि विकास और सुविधाओं में आगे रहने वाले बड़े जिलों की परफॉर्मेंस छोटे जिलों जैसे सीहोर 66.29 प्रतिशत और अशोकनगर 65.71 प्रतिशत की तुलना में बेहद खराब है। भोपाल 24.91 प्रतिशत और इंदौर 26.35 प्रतिशत डिजिटाइजेशन के मामले में सबसे निचले पायदानों पर हैं, जो चुनावों की तैयारी पर सवाल खड़ा करता है।
सीईओ ने लगाई फटकार
खराब प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा और संयुक्त सीईओ आरपीएस जादौन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के काम की समीक्षा की। उन्होंने खासतौर पर बॉटम.5 जिलों में शामिल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के कलेक्टर्स को कड़ी फटकार लगाई। निर्वाचन अधिकारियों ने इन महानगरों के कलेक्टर्स को जल्द से जल्द फॉर्म कलेक्शन और डिजिटाइजेशन का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि चुनाव से पहले मतदाता सूची को शत प्रतिशत त्रुटिमुक्त किया जा सके। बता दें सीहोर जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के बेहतर समन्वय को इस उत्कृष्ट प्रदर्शन का श्रेय दिया जा रहा है।

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