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आस्था का मेला, बारह खंभा मेले में पशुधन की दीर्घायु के लिए ‘दूधाभिषेक’

सीहोर। प्राचीन लोक संस्कृति और अटूट आस्था का पर्व बारह खंभा मेला, पड़वा पर जिले की इछावर तहसील के देवपुरा (देवबड़ला) में पारंपरिक उल्लास के साथ आयोजित हो रहा है। यह मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह पशुपालकों और उनके पशुधन के बीच सदियों पुराने भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक है।

मेले की सबसे विशिष्ट परंपरा है दूधाभिषेक। अल सुबह से ही बड़ी संख्या में पशुपालक अपने दुधारू पशुओं की सलामती और दीर्घायु की कामना लेकर अपने ईष्ट देव भगवान पशुपतिनाथ की देवरूपी शिला की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचने लगे। जनजातीय समुदाय सहित क्षेत्र के सभी वर्गों के श्रद्धालुओं का यह अटूट विश्वास है कि देवशिला पर अपने पशु का दूध चढ़ाने से वे साल भर रोगों से मुक्त रहते हैं। इसी अटूट विश्वास के चलते दिनभर बड़ी संख्या में पशुपालक देवशिला का दूध से अभिषेक करेंगे। मेला स्थल पर आज हजारों लीटर दूध की धार बहेगी। बता दें इछावर से लगभग 15 किमी दूर देवपुरा गांव में लगने वाला यह बारह खंभा मेला मध्यक्षेत्र के सबसे बड़े मेलों में शुमार है। आस्था के इस महापर्व में शामिल होने के लिए दूर दराज से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मेले में झूले और दुकानें भी लगाई गई हैं।

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