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सीहोर में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

- गीता भवन में चार घंटे दिया धरना, नारेबाजी करते हुए निकाली आधा किलोमीटर लंबी विरोध रैली, सौंपा प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

सीहोर। जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीहोर पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इससे पहले नगर के गीता भवन में चार घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। सोमवार को जिलेभर की आंगनबाड़ियों में ताले लटके रहे। बच्चों को पोषण आहार भी नहीं बंट सका। दरअसल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लगातार सरकार के सामने अपना पक्ष रख रही हैं। वे अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रही हैं, ज्ञापन सौंप रही हैं। उनकी मांग है कि देश में महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को एक नीति बनाकर सभी राज्यों में नियमित किया जाए। बहनों को एक न्यूनतम पेंशन दें। कम से कम 10 वर्ष का अनुभव रखने वाली सभी अहर्ताएं पूर्ण करने पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दी जाए। कार्यकर्ता, सहायिका को विभाग के कार्यों के अतिरिक्त किसी भी कार्य में न लगाया जाए। सभी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को किसी अन्य विभागों की नियुक्ति परीक्षा में भी अतिरिक्त अंक दिए जाएं। महिलाओं और बच्चों को रूचिकर पोष्टिक आहार दिया जाए। पोषण ट्रेकर ऐप में फेस केप्चर में नेटवर्क की समस्या को समाप्त किया जाए। विभाग से मिले मोबाइल अच्छी मेमोरी के नहीं है रिचार्ज कराना पड़ता है और नेट पैक भी डलवाना पढ़ता है, इसका भी पैसा दिया जाए। मोबाइल खरीदने के लिए कार्यकर्ता और सहायिका के खाते में राशि उपलब्ध कराई जाए और कार्यकर्ता व सहायिका को सेवानिवृत्त होने या सेवाकाल में मृत्यु होने पर राशि परिवारजनों को दिए जाने सहित कई अन्य मांगे हैं।
मोबाइल की फ्लेश लाइट जलाकर किया विरोध-
सोमवार को सीहोर जिलेभर की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मोबाइल की फ्लेश लाइट जलाकर प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को संघ जिलाध्यक्ष ऊषा राठौर ने अधिकारों मांगों और सरकार की नीतियों के प्रति जागरूक किया। गीता भवन से विरोध रैली शुरू की गई। बैनर-पोस्टरों के साथ नारेबाजी करते हुए जिलेभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट तक विरोध रैली निकाली। अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर स्वाती मिश्रा को सौंपा।
आँनलाइन कार्य से बिगड़ी गुणवत्ता-
जिलाध्यक्ष उषा राठौर ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका बहनें 1975 से महिला वाल विकास विभाग में अपनी निरंतर सेवाएं दे रही हैं। मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने, कुपोषण दूर करने, महिलाओं को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करने, बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। इसी के साथ ही महिला बाल विकास विभाग और अन्य विभागों के वह सभी कार्य हमसे कराए जा रहे हैं। दिन प्रतिदिन हमारी बहनों पर कार्य का बोझ बढ़ता जा रहा है। नए-नए ऐप बनाकर हमारे ऊपर विभागीय निगरानी का भी कार्य किया जा रहा है। बढ़ते आँनलाइन कार्य के कारण क्षेत्र में कार्य की गुणवत्ता सुधारने के बजाय और बिगड़ रही है। हमारे द्वारा कार्य तो दोगुना किया जा रहा है पर टेक्नोलॉजी के सही उपयोग न होने के कारण हमारी प्रस्तुति दिन व दिन खराब हो रही है।
ये रहे प्रदर्शन में शामिल-
भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख अनिल शर्मा, विनोद बोयत, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ जिलाध्यक्ष उषा राठौर, सचिव रजनी विश्वकर्मा, याशिता धीमान, डाली कुशवाह, तब्सुम, गिराज मौर्य, दीपमाला, महादेवी वर्मा, बबीता, रानी श्रीवास्तव, पुष्पा तिवारी, सारी जैन, अनीता मेवाड़ा, आशा मेवाड़ा, मनीषा राठौर, सविता गुप्ता, सीता प्रजापति, दीपा गोटिया, मधुु चौहान, पूजा, अबुना, रीना, तरुणा, अनीता आदि सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं शामिल रहीं।

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