पंडित प्रदीप मिश्रा की उपस्थिति में कुबेरेश्वर धाम में मना अन्नकूट महोत्सव, हुई आंवला पेड़ की पूजा
गिरिराज को लगाए 56 भोग, तीन प्रकार की खीर और एक दर्जन से अधिक प्रकार की मिठाइयों सहित औषधीय पकवान का भोग भी लगाया
सीहोर। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में पंडित प्रदीप मिश्रा की उपस्थिति में जहां अन्नकूट महोत्सव मनाया गया तो वहीं महिलाओं ने आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना करके आंवला नवमीं त्यौहार भी मनाया। अन्नकूट महोत्सव के दौरान कुबेरेश्वर धाम में बृजधाम की झलक दिखाई दी। मंदिर परिसर में भव्य रूप से गोवर्धन सजाया और 56 गिरिराज की झांकी के समक्ष 56 भोग भी सजाए। यहां पर हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने दर्शन के उपरांत महाप्रसादी ग्रहण की। 56 प्रकार के भोग में तीन प्रकार की खीर, अनेक प्रकार के मिष्ठान सहित औषधीय पकवान शामिल थे। इस मौके पर मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर आए श्रद्धालुओं के समक्ष महाआरती की और उसके बाद प्रसादी का वितरण किया। मंदिर परिसर में दो दिन पहले से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। शहर सहित आस-पास के सभी होटल, धर्मशाला में श्रद्धालु ठहरे हुए थे। सुबह दस बजे से भोजन प्रसादी का क्रम आरंभ हो गया था। इसके बाद मंदिर परिसर में बनी गौशाला में पंडित श्री मिश्रा ने पहुंचकर गौ माता की पूजा-अर्चना की और गोपाष्टमी के पर्व की सभी को बधाई भी दी।
हर वर्ष होता है आयोजन-
परम्परानुसार गोपाष्टमी के अवसर पर पंडित श्री मिश्रा सहित विठलेश सेवा समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर परिसर के विशाल हाल में अन्नकूट दर्शन का आयोजन किया गया और उसके पश्चात गौ माता एवं गोवर्धन नाथ की आरती के पश्चात बाबा गोवर्धन नाथ जी एवं कुबेरेश्वर महादेव का प्रसादी का वितरण किया गया। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। इस संबंध में विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि यहां पर समिति के कार्यकर्ताओं ने गिरिराजजी के समक्ष छप्पन प्रकार से अधिक व्यंजनों का भोग लगाया। इस भोग में पोषक तत्वों वाली खाद्य सामग्री शामिल की गई। इनमें करीब एक दर्जन से अधिक प्रकार की विभिन्न प्रकार की मिठाईयों के अलावा इम्युनिटी को मजबूत करने वाली औषधीय सामग्री जैसे तुलसी, नारियल, अदरक, दही, पनीर, आंवला, पालक, मैथी, ड्राय फू्रट्स, सभी प्रकार की मिश्रित सब्जी, पंचामृत, खीर, गुलाब जामुन, पेड़ा, मोहनथाल, हलवा, लड्डू धनिया पंजीरी, मूंग दाल हलवा, मालपुआ, रबड़ी, दाल चावल, कढ़ी, खिचड़ी, मुरब्बा, ताजे फल और सूखे फल आदि के पकवान शामिल थे। वहीं श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रकार की शुगर फ्री मिठाई भी बनाई गई थी।
आंवला नवमी पर महिलाओं ने की पूजा-अर्चना-
कुबेरेश्वर महादेव मंदिर परिसर में परिवार की सुख समृद्धि के लिए आंवला नवमीं पर महिलाओं द्वारा आंवले के पेड़ की परिक्रमा लगाकर पूजा-अर्चना की गई। आंवला के पास घर से बनाकर लाए गए पकवानों का भोग लगाया और उन्हीं पकवानों से अपना व्रत खोला। मंदिर परिसर में लगे आंवला वृक्ष के नीचे सामूहिक रूप से महिलाओं द्वारा पूजा-अर्चना की गई। कार्तिक माह की नवमी आंवला नवमी के रूप में मनाई गई। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा, समीर शुक्ला, मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य ने यहां पर आए भक्तों को खिचड़ी का वितरण किया। इसके अलावा यहां पर मौजूद विप्रजनों ने पूजा अर्चना की। अवसर पर महिलाओं द्वारा सामूहिक पूजन, वृक्ष परिक्रमा सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धा पूर्वक संपन्न किए गए। इस दौरान महिलाओं ने आंवला की 108 परिक्रमा लगाकर पूजा की।