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फ्रांस के स्कूलों में बुर्का पहनने पर बैन, मुस्लिम वर्ग नाराज

टीचर की हत्या के बाद फ्रांस में उठ रही थी लगातार मांग

पेरिस। फ्रांस की सरकार ने मुस्लिमों को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है। इसके तहत देश के स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं के बुर्का या अबाया पहनने पर रोक लगा दी गई है। फ्रांस के शिक्षा मंत्री गैब्रिएल अत्ताल ने इसकी जानकारी दी है। गैब्रिएल अत्ताल ने कहा कि 4 सितंबर 2023 से स्कूलों का नया सत्र शुरू हो रहा है और इसी दिन से पूरे देश के स्कूलों में ये नया नियम लागू होगा।

क्या होता है अबाया
अबाया एक ऐसा परिधान होता है, जो मुस्लिम महिलाएं शरीर को ढकने के लिए काम में लेती हैं। अबाया सिर से लेकर पांव तक होता है और पूरे शरीर को ढंकता है। जैसे हिसाब और नकाब आदि सिर्फ चेहरे को ढकने का काम करते हैं, लेकिन अबाया में पूरे शरीर को ढंका जाता है।

क्यों लगा प्रतिबंध?
फ्रांस के स्कूलों में बुर्का या अबाया पहनने पर महीनों से जारी बहस के बीच वहां की सरकार ने ये कदम उठाया है। साल 2020 में हुई एक घटना के बाद आबया यहां एक मुद्दा बना।अक्टूबर 2020 में फ्रांस में एक टीचर का सिर काट दिया गया था। कहा गया था कि आरोपी टीचर से इसलिए नफरत करने लगा था, क्योंकि उन्होंने छात्रों को पैगंबर मुहम्मद के विवादित कार्टून दिखाए थे। इसके बाद से ही फ्रांस में दक्षिणपंथी पार्टियां अबाया को बैन करने की मांग कर रही थीं। पिछले कुछ समय से इन पार्टियों के नेता कह रहे थे कि अबाया पहनने वालों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए इसपर तुरंत रोक लगे, जबकि देश की वामपंथी पार्टियों का कहना था कि इस प्रतिबंध की वजह से मुस्लिम महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों का हनन होगा।

2004 में हेड स्कॉर्फ पर लगाया था प्रतिबंध
ऐसी ही एक बहस के चलते साल 2004 में नया कानून बनाकर स्कूलों में हेड स्कार्फ पहनने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद साल 2010 में फ्रांस ने सार्वजनिक जगहों पर बुर्के को प्रतिबंधित कर दिया था। इन फैसलों पर मुस्लिम समुदाय ने खासी नाराजगी भी जताई थी। फ्रांस यूरोप का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। फ्रांस के नेशनल स्टैटिक्स ब्यूरो (इनसी) के मुताबिक फ्रांस की आबादी में मुसलमानों का हिस्सा करीब 10 फीसदी है।

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