सुमित शर्मा, सीहोर
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सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा में उपचुनाव के दौरान जहां मुकाबला ’त्रिकोणीय’ बनता नजर आ रहा है तो वहीं भाजपा, कांग्रेस का यहां पर चुनौतियों से भी पाला पड़ रहा है। भाजपा के साथ ही कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती जहां भीतरघात का खतरा है तो वहीं दोनों दलों के लिए यहां से चुनाव जीतना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। उपचुनाव में भाजपा जहां अपने गढ़ पर कब्जा बरकरार रखना चाहेगी तो वहीं कांग्रेस भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की जुगत में है। फिलहाल भाजपा, कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी भी यहां से जोर-आजमाईश कर रही है। चुनावी रण की स्थिति नामांकन के अंतिम दिन 25 अक्टूबर को साफ हो जाएगी। अब तक 8 से ज्यादा अभ्यर्थी यहां पर अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं। ऐसे में बुधनी में मुकाबला भाजपा, कांग्रेस के साथ ही त्रिकोणीय भी बनता नजर आ रहा है।
कांग्रेस में भी बढ़ रहा असंतोष –
कांग्रेस पार्टी में भी लगातार असंतोष दिखने को मिल रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल के नामांकन भरने के बाद भी पार्टी को उन पर अभी पूरा विश्वास नहीं है। दरअसल राजकुमार पटेल को लेकर प्रदेश कांग्रेस को अंदेशा है कि कहीं वे यहां पर ’इतिहास’ नहीं दोहरा दें। ऐसे में पार्टी के निर्देश पर बुधनी से एक डमी प्रत्याशी का नामांकन पत्र भी दाखिल करवाया गया है। कांग्रेस से भी राजकुमार पटेल के अलावा विक्रम मस्ताल शर्मा, अजय पटेल सहित अन्य दावेदार थे, लेकिन कांग्रेस ने राजकुमार पर भरोसा जताकर टिकट तो दे दिया है, लेकिन अभी ये भरोसा नहीं हो पाया है कि वे चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के अंदर भी ये असंतोष तेजी से बढ़ रहा है कि जमीनी नेताओं को दरकिनार करके पार्टी ने फिर से ऐसे नेता पर दांव लगाया है, जिस पर विश्वास करना ’धोखा’ हो सकता है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी को इस पर गहरा मंथन करना चाहिए था, लेकिन कहीं न कहीं ऐसा प्रतीत होता है कि सारा खेल पैसों के दम पर हुआ है।
हो सकता है ’त्रिकोणीय’ मुकाबला-
बुधनी उपचुनाव में मुख्य मुकाबला तो भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही है, लेकिन यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला भी हो सकता है। भाजपा, कांग्रेस के साथ ही बुधनी से समाजवादी पार्टी ने अर्जुन आर्य को मैदान में उतारा है। अर्जुन आर्य भी कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें अंदेशा हो गया कि पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर समाजवादी पार्टी की साइकिल पकड़ ली और उस पर सवार हो गए। हालांकि उन्होंने पहले भी साइकिल से उतरकर कांग्रेस का हाथ थामा था, लेकिन वे वापस साइकिल पर सवार हो गए। वे भी चुनाव के लिए अपना पूरा दम-खम लगा रहे हैं। इसके साथ ही अन्य पार्टियों ने भी यहां से अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। फिलहाल इंतजार करना होगा कि कौन-कौन इस रणभूमि में योद्धा बनकर डटे रहेंगे।
बुधनी विधानसभा में जातिगत वोट बैंक की स्थिति –
– कुल मतदाता: 2,76,397
– पुरूष मतदाता: 1,43,111
– महिला मतदाता: 1,33,280
– अन्य मतदाता: 6
– सर्विस मतदाता: 194
– 30 से 32 हजार किरार मतदाता
– 50 से 55 हजार सामान्य मतदाता
– 52 से 55 हजार आदिवासी
– 15 से 17 हजार अल्पसंख्यक
– 85 से 90 हजार ओबीसी
– 29 हजार अन्य मतदाता
यह संख्या संभावित है।