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पितृमोक्ष अमावस्या: सुरक्षा के साये में होगा नर्मदा स्नान, गोताखोरों एवं सुरक्षाकर्मियों की हुई तैनाती

आंवलीघाट पहुंचने के लिए वनवे किया, ताकि आने-जाने वाले श्रद्धालुओें को परेशानियां न आएं

सीहोर-रेहटी। नवरात्रि से पहले पड़ने वाली पितृमोक्ष अमावस्या (भूतड़ी अमावस्या) को लेकर प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर ली। सीहोर जिले के आंवलीघाट सहित अन्य नर्मदा तटों पर इसके लिए पुलिस फोर्स के साथ ही गोताखोर, होमगार्ड जवानों की भी तैनाती की गई है। आंवलीघाट पहुंचने वाली सड़कोें पर जाम न लगे, इसके लिए मार्गों को भी वनवे किया गया है, ताकि आने-जाने वाले लोग बिना जाम में फंसे अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। लगातार बारिश के कारण नर्मदा नदी में भी ज्यादा पानी है। इसके लिए आंवलीघाट तट स्थित नर्मदा नदी में 10 फिट पर बैरीकेटिंग कर दी गई है, ताकि कोई भी इससे आगे न जा पाएं। श्रद्धालुओें को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस के 400 जवानोें को अलग-अलग तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की कोेई घटना-दुर्घटना न हो।
नवरात्रि से पहले आने वाली अमावस्या को पितृमोक्ष (भूतड़ी अमावस्या) कहते हैं। इस अमावस्या पर सबसे ज्यादा भीड़ सीहोर जिले के आंवलीघाट स्थित नर्मदा तट पर होती है। दरअसल इस तट का पौराणिक महत्व भी बताया जाता है। पितृमोक्ष अमावस्या (भूतड़ी अमावस्या) पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु-भक्त दूर-दूर से आंवलीघाट तट तक पहुंचते हैं। यहां से स्नान करने के बाद लोग मां बिजासन धाम सलकनपुर भी पहुंचकर मातारानी के दर्शन करते हैं। भूतड़ी अमावस्या पर जिन लोगोें को बाहरी बाधाएं या इस प्रकार की कोई परेशानियां होेती हैैं तो वे नर्मदा स्नान करने के लिए आंवलीघाट पहुंचते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कोई देव या देवी आते हैैं वे भी यहां पर स्नान करके अपने सभी वस्त्रों को बदलते हैैं एवं नए वस्त्र धारण करते हैं। आंवलीघाट पर यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। आज भी यहां पर यह सब कुछ होता है।
सलकनपुर से आंवलीघाट वन-वे रहेगा मार्ग-
पितृमोक्ष अमावस्या ;भूतड़ी अमावस्याद्ध पर श्रद्धालु-भक्तों की सुविधा को लेकर इस बार पुलिस ने सलकनपुर से आंवलीघाट मार्ग को वन-वे कर दिया है। जो लोग सलकनपुर से आवंलीघाट पहुंचेंगे वे इस मार्ग से वापस नहीं आ सकेंगे। यदि आंवलीघाट से बुदनी जाना है तोे श्रद्धालुओें कोे नीलकछार वाले मार्ग से जाना पड़ेगा औैर यदि उन्हें आंवलीघाट से रेहटी-नसरूल्लागंज जाना है तो मरदानपुर जोड़ से होते हुए रेहटी आना होगा।
पार्किंग के लिए बनाए पांच सेक्टर-
पुलिस द्वारा वाहनों केे लिए इस बार पार्किंग के पांच अलग-अलग सेक्टर बनाए हैं, ताकि लोगों को परेशानियां न आएं और जाम जैसी स्थिति न बनें। इसके लिए आंवलीघाट मेें नीलकछार रोड, आंवलीघाट के पास, पुल के पास भी पार्किंग बनाई गई है। सभी पार्किंगों के लिए अलग-अलग प्रभारी भी बनाए गए हैं। इसके अलावा लोगोें की सुरक्षा के दृष्टिगत जगह-जगह सीसीटीव्ही कैमरे भी लगाए गए हैैं, ताकि हर व्यक्ति पर नजर भी रखी जा सके।
गांजिद घाट को किया प्रतिबंधित-
आंवलीघाट नर्मदा तट के समीप स्थित गांजिद घाट कोे इस बार स्नान के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल गांजिद घाट पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके लिए इस बार गांजिद घाट कोे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल इस बार नर्मदा नदी में पानी ज्यादा है। इसकेे लिए पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। इसके लिए इस बार सख्ती के साथ निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा सीहोर जिले के अन्य नर्मदा तटोें पर भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवानोें को तैैनात किया गया है। इसके अलावा गोताखोरोें एवं होमगार्ड जवानोें कोे भी नर्मदा घाटों पर लगाया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर वे वहां उपलब्ध रह सकें।
आंवलीघाट पर रात में लगता है भूतोें का मेला-
पितृमोक्ष अमावस्या से एक रात पहले आंवलीघाट पर भूतों का मेला भी लगता है। इसकोे भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन रात को यहां पर जिन लोगोें कोे भूत-पलीत की शिकायत रहती है उन्हें यहां पर लाया जाता हैै एवं नर्मदा मेें स्नान कराया जाता है। यह भूतोें का मेला वर्षों से लगता आ रहा है।
सीईओ एवं एसपी ने किया आंवलीघाट में व्यवस्थाओं का निरीक्षण-
पितृमोक्ष अमावस्या के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आंवलीघाट स्नान के लिए पहुंचते हैं। इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए आंवलीघाट पर की गई व्यवस्थाओं का जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह एवं एसपी मयंक अवस्थी ने जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं के आवागमन मार्ग, वाहन पार्किंग, अस्थायी शौचालय तथा घाट पर साफ-सफाई सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को भी देखा। घाट पर प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। मौके पर एएसपी गीतेश कुमार गर्ग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सलकनपुर देवी मंदिर में व्यवस्थाओं के लिए विभागों को सौंपे गए कार्य-
सलकनपुर देवी मंदिर में नवरात्रि पर्व के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए विभागों की ड्यूटी लगाई गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने, मध्य प्रदेश विद्युत मंडल जिला सीहोर को विद्युत व्यवस्था, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मंदिर परिसर पर स्थाई रूप से पर्याप्त संख्या में एंबुलेंसमय डॉक्टर्स टीम एवं आवश्यक जीवन रक्षक औषधियों सहित उपलब्ध रखने, मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर परिषद बुधनी एवं रेहटी को फायर ब्रिगेड वाहन, फायर फाइटर, साफ-सफाई एवं चलित शौचालय आदि व्यवस्था अनुविभागीय दंडाधिकारी से समन्वय कर उपलब्ध कराने तथा लोक निर्माण विभाग बुधनी के कार्यपालन यंत्री को मंदिर परिसर में बैरिकेटिंग सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
फैक्ट फाइल-
– 400 पुलिस जवानोें की फोर्स
– 20 गोताखोर नर्मदा घाट पर तैनात
– 5 होमगार्ड की वोट्स
– 100 होमगार्ड के जवान
इनका कहना है-
पितृमोक्ष अमावस्या कोे लेकर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद की गई है। करीब 400 पुलिस जवानोें को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया है। नर्मदा घाटोें पर गोताखोर, होमगार्ड के जवानों कोे भी लगाया गया है। सड़कोें पर जाम की स्थिति न बनेे, इसके लिए मार्गोें कोे वन-वे किया गया है।
– शशांक गर्जुर, एसडीओपी, बुदनी

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