
सीहोर। गेहूं-चावल सहित अन्य अनाज की कालाबाजारी करने वाले गिरोह को दोराहा पुलिस ने पकड़कर बड़ी सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 39 क्विंटल गेहूं-चावल सहित करीब 60 हजार रूपए मूल्य का अवैध मशरूका भी जप्त किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार 25 जुलाई को थाना दोराहा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम झरखेड़ा के गल्ला व्यापारी इजराईल खां उर्फ गुड्डू पिता पीर खां की झरखेड़ा स्थित दुकान में सोसायटी का पीडीएस गल्ला अवैध रूप से जमाकर रखा गया है। सूचना के सत्यापन हेतु थाना प्रभारी दोराहा अपने स्टाफ के साथ ग्राम झरखेड़ा इजराईल खां की दुकान पर पहुंचे और गल्ला व्यापारी की दुकान की साक्षियों के समक्ष तलाशी ली। इस दौरान दुकान में 41 कट्टी चावल, 21 कट्टी सहित दो आधी कट्टी गेहूं पाया गया। थाना प्रभारी ने मौके पर सीहोर के खाद्य अधिकारी आकाश कुमार चंदेल को सूचना दी। इसके बाद वे भी मौके पर उपस्थित हुए। इसके बाद इस मामले में जांच शुरू की गई तो सामने आया कि इसराइल मंसूरी पिता पीर का मकान क्रमांक 39 स्थित निजि गोदाम 1 में तीन गेहूं की कट्टी पाई गई, जिसमें से 2 पी.पी. कट्टी में म.प्र.सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन (नागरिक आपुर्ति निगम) की छाप लगी थी एवं गोदाम में शेष चना व सोयाबीन रखा पाया गया। इसी तरह बस स्टैंड स्थित इसराइल मंसुरी (ख) पिता पीर ख का गोदाम क्रंमाक 2 में 41 बोरी चावल पाया गया, जिसमें से 9 बोरी चावल में मप्र सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन (नागरिक आपुर्ति निगम) की छाप लगी मिली। शेष चावल की बोरिया अन्य प्लास्टिक की बारदानों में रखा मिला तथा 23 बोरी गेहूं की मिली, जिसमें से 8 बोरियों में म.प्र. सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन की छाप लगी मिली। मौके पर 14 खाली म.प्र. सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन की छाप लगे बारदाने भी पाए गए। इसके अलावा 20 म.प्र. सिविल सप्लाईज कार्पाेरेशन के छाप लगे बारदानों में चना रखा पाया गया, जो संदेहास्पद प्रतीत होने से बारदानें खाली करा कर, खाली पीपी बारदाने आरोपी से जप्त किए गए। इस मामले में दोराहा पुलिस ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 13 (2) का उल्लघंन एव आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 कि धारा 3/7 अंतर्गत दंडनीय होने से अपराध क्रमांक 155/2022 धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम आरोपी इसराइल खां पिता पीर खां मंसूरी निवासी झरखेड़ा के विरूद्ध पंजीबद्ध किया है। प्रकरण की विवेचना जारी है।