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आखिरकार ठीक हुआ कनाडाई पीएम का ‘खटारा’, 36 घंटे बाद देश रवाना

जी—20 शिखर सम्मेलन में आए थे ट्रुडो, तकनीकी खराबी ठीक करने में लग गए तीन दिन

नई दिल्ली/ओटावा। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को जी—20 शिखर सम्मेलन खत्म होने के बाद भी भारत में रुकने को मजबूर होना पडा। हालांकि ये उनके कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है, बल्कि उनके सरकारी प्लेन में आई खराबी की वजह से ऐसी स्थिति बनी है। मंगलवार दोपहर वे कनाडा रवाना हो पाए। वे भारत में अपने कार्यक्रम के बाद करीब 36 घंटे बाद तक फंसे रहे।

बैकअप प्लेन का भी रास्ता बदला
दुनिया के सबसे सख्त समूह जी7 के ताकतवर देश कनाडा के प्रधानमंत्री ने खुद को शायद ही कभी इतना मजबूर महसूस किया होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक सारा मामला काफी अजीब होता जा रहा है। ट्रूडो को ले जाने वाला बैकअप प्‍लेन लंदन की ओर मोड़ दिया गया। उन्‍हें तीसरी रात दिल्‍ली में बितानी पड़ गई। उन्‍हें सभी उचित शिष्टाचार और प्रोटोकॉल भारत सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए। मंगलवार दोपहर प्लेन की खराबी दूर हो जाने पर वे अपने देश रवाना हुए।

कहते हैं उडता ताजमहल
ट्रूडो के इस प्‍लेन को ‘फ्लाइंग ताज महल’ कहा जाता है। पिछले 34 सालों से बिना मरम्‍मत के यह ताज महल पीएम को सफर करा रहा है। ट्रूडो का प्‍लेन पहली बार खराब हुआ है, ऐसा नहीं है। साल 2016 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। हालांकि तब उन्‍हें सिर्फ आधे घंटे तक ही इंतजार करना पड़ा और 30 मिनट बाद पीएम अपनी डेस्टिनेशन पर निकल गए थे।

ऐसे पडा नाम
फ्लाइंग ताज महल, कनाडा के पीएम के आधिकारिक प्‍लेन को यह नाम सन् 1990 के दशक में दिया गया था। उस समय प्‍लेन के अंदरुनी हिस्‍से को पूरी तरह से अपग्रेड किया गया था। यह काफी आलिशान लगने लगा था और तब इसे ताज महल कहा गया।

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