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कलेक्टर टीकमगढ़ को भारी पड़ी अफसरी, आयोग ने भेजा गिरफ्तारी वारंट, पांच हजार का जुर्माना भी ठोका

भोपाल। आईएएस अफसर एवं टीकमगढ़ कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी को अफसरी भारी पड़ गई। अब उनके खिलाफ मध्यप्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने तीन अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए फरमान सुनाया है कि वे 5 अप्रैल 2023 को आयोग की बैंच में अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखे। आयोग ने कलेक्टर टीकमगढ़ पर पांच हजार रूपए का जुर्माना भी ठोका है, साथ ही गिरफ्तारी वारंट के लिए एसपी टीकमगढ़ को तामीली कराने के निर्देश भी दिए हैं। यहां बता दें कि जिलों में पदस्थ कलेक्टर, एसपी द्वारा मानवाधिकार आयोग के निर्देशों पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती है। आयोग द्वारा बार-बार रिमाइंडर भेजने पर भी अधिकारियों द्वारा मामलों में जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा जाता है। इसको लेकर अब आयोग नेे कलेक्टर टीकमगढ़ पर सख्ती दिखाई है।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा तीन अलग-अलग मामलों में कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को पांच अप्रैल 2023 को अनिवार्यतः आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिए गए हैं। आयोग द्वारा सुभाष कुमार द्विवेदी को कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रूपए का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ के माध्यम से कराई जाएगी।
ये हैं मामले, जिन पर कलेक्टर ने दिखाई निरंकुशता-
आयोग के प्र.क्र. 3228/टीकमगढ/2020, प्र.क्र. 8230/ टीकमगढ़/ 2021 एवं प्र.क्र. 0742/टीकमगढ़/2022 में कई पदीय स्मरण पत्र एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बावजूद भी प्रतिवेदन न देने के कारण कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को पांच अप्रैल 2023 को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है। आयोग के प्र.क्र. 3228/टीकमगढ/2020 के अनुसार एक मामले में संज्ञान लिया था। खबर के अनुसार टीकमगढ़ जिले के पलेरा जनपद के सगरवारा गांव के कालूपाल की पिछले दस साल से तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। इसी बीच कालू की मानसिक स्थिति बिगड़ने लगी। अजीब हरकतें करने लगा। इलाज मिलने पर हालत ठीक हो जाती, जैसे ही इलाज बंद होता, तबीयत फिर बिगड़ जाती। मानसिक स्थिति बिगड़ने पर कालू कभी घर से निकल जाता, तो कभी लोगों पर पत्थर फेंकने लगता, कभी कुएं में कूद जाता। कालू की पत्नी जयकुंवर ने बताया कि उसका पति किसी को नुकसान न पहुंचा दे, इसलिए उसे घर में ही बांधकर रखना मजबूरी थी। कालू एक कमरे में कैद है। इस कमरे से अगर कुछ बाहर आता है, तो सिर्फ उसकी चीखें, वह कभी नहीं निकल पाता। नित्य क्रिया भी कमरे में ही होती है। कालू की यह हालत इसलिए है, क्योंकि गरीबी के कारण उसके मानसिक रोग का इलाज नहीं हो पा रहा है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ से प्रतिवेदन मांगा था।
प्र.क्र. 8230/टीकमगढ़/2021 के मुताबिक मामौन दरवाजा, वार्ड नं. 26, टीकमगढ़ निवासी आवेदक शरीफ खंा पिता हमीद खां ने आयोग में आवेदन लगाया था कि पीएम आवास योजना में उसका नाम नहीं जोड़ा गया, उसके खाते में पैसे भी नहीं भेजे गए। कच्चा माल उपलब्ध होने के बावजूद भी उसे पीएम आवास योजना के तहत आवास मंजूर न कर नगर पालिका टीकमगढ़ द्वारा उसे परेशान एवं प्रताड़ित किया जा रहा है। मामले में आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ़ से प्रतिवेदन मांगा था।
इसी प्रकार प्र.क्र. 0742/टीकमगढ़/2022 के मुताबिक तिवारी मोहल्ला, वार्ड क्रमांक 9, खरगापुर, जिला टीकमगढ़ निवासी आवेदक मुकुल तिवारी पुत्र रामनरेश तिवारी व अन्य ने आयोग में शिकायत की थी कि अनावेदक भगवानदास पुत्र रामचरण ताम्रकार द्वारा शासकीय रास्ते पर अतिक्रमण कर एक अवैध निर्माण कर लिया गया है। इस अवैध निर्माण को हटाने के संबंध तहसीलदार खरगापुर द्वारा आदेश पारित किए जाने के बावजूद सीएमओ खरगापुर द्वारा यह अतिक्रमण अब तक नहीं हटाया गया है। अतः अवैध कब्जा व अतिक्रमण हटवाया जाए। मामले में आयोग ने कलेक्टर टीकमगढ़ से प्रतिवेदन मांगा था।
तीनों मामलों में भेजा रिमाइंडर, फिर भी निष्क्रियता दिखाई-
तीनों ही मामलों में आयोग ने कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को प्रतिवेदन देने के लिए कई पदीय स्मरण पत्र भेजे, परंतु प्रतिवेदन नहीं मिला। इसके बाद कलेक्टर टीकमगढ़ को नामजद नोटिस जारीकर उन्हें इन प्रकरणों में क्र्रमशः 10 जनवरी 23, 31 जनवरी 23 को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया था। यह सभी नामजद नोटिस उन्हें मिल भी गए, परन्तु उनके द्वारा न तो प्रतिवेदन दिया गया और न ही वे तय तारीखों में आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। इस पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32ग के अंतर्गत कलेक्टर टीकमगढ़ सुभाष कुमार द्विवेदी को पूर्व में आयोग में उपस्थित न होने के कारण पांच हजार रूपए का जुर्माना लगाने संबंधी नामजद कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें अब 5 अप्रैल 2023 को अनिवार्यतः आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से आकर अपना स्पष्टीकरण (जवाब) देने के आदेश दिए गए हैं। श्री द्विवेदी की पांच अप्रैल 2023 को आयोग में व्यक्तिशः उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध पांच हजार रूपए का नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट भी आयोग द्वारा जारी किया गया है। इस कारण बताओ नोटिस एवं नामजद जमानती गिरफ्तारी वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, टीकमगढ़ के माध्यम से कराई जाएगी।

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