नई दिल्ली। भारत में वंदे भारत ट्रेन एक स्टेटस सिंबल बनती रही है। हर राज्य अपने यहां इनकी मांग कर रहा है। प्रधानमंत्री खुद इसका शुभारंभ करते हैं और देशभर में इनकी चर्चा होती है। हालांकि इस ट्रेन के साथ दिक्कत यह है कि महंगा किराया होने की वजह से इसमें आम आदमी सफर नहीं कर पाते हैं। अब चुनावी मोड में आई सरकार आम आदमी के लिए भी कम बजट की वंदे भारत ट्रन चलाने की तैयारी में है। इसका नाम वंदे साधारण होगा। अगले साल ही आम चुनाव होना है तो गरीबों का जिक्र कुछ ज्यादा ही होने लगा है। अब गरीबों के लिए वंदे भारत का इकॉनोमिक वर्जन वंदे साधारण तैयार किया जा रहा है। रेलवे के आधिकारिक सूत्र बताते हैं इस ट्रेन के बनाने की प्रक्रिया इंटेग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई में शुरू हो चुकी है। इसे अगले कुछ महीने में तैयार कर लिया जाएगा। इसमें सभी सेंकेंड क्लास के डिब्बे होंगे। इसलिए इसका किराया भी कम रहने का कयास लगाया जा रहा है।
रेलवे ने कुछ नहीं कहा
वंदे साधारण की खबरें अभी अपुष्ट सूत्रों के हवाले से बाहर आई हैं। रेलवे ने इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। सोशल मीडिया पर इसका लुक वायरल हो रहा है। वंदे साधारण ट्रेनों के गैर-एसी कोचे चेन्नई स्थित रेल कोच फैक्ट्री में तैयार किए जा रहे हैं। इन कोचों की लागत 65 करोड़ रुपये बताई जा रही है। खबर है कि इस साल के अंत तक इन्हें तैयार कर लिया जाएगा। इन ट्रेनों की स्पीड काफी ज्यादा होगी और चेन्नई, दिल्ली, बेंगलूरु, मुंबई, कोलकाता और चंडीगढ़ जैसे शहरों से इनका संचालन होगा। खासतौर पर यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों से इनकी कनेक्टिविटी बड़े शहरों से की जाएगी। रेलवे का मकसद इसके पीछे यह है कि प्रवासी मजदूरों का शहरों से आवागमन आसान हो सके।
बिहार यूपी पर फोकस, किया गया है सर्वे
वंदे साधारण को ऐसे रूट पर चलाने की तैयारी है, जिन रूटों पर प्रवासी मजदूरों की आवाजाही अधिक है और ट्रेनों में भारी भीड़ रहती है। इसके लिए रेलवे ने सर्वे भी कराया है। इन ट्रेनों की खासियत यह होगी कि आम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले इनकी स्पीड ज्यादा होगी और स्टॉप भी कम रखे जाएंगे। इससे आम लोगों का सफर भी सुगम और सुहाना हो सकेगा। इनका किराया भी कम होगा। ऐसे में बिहार-यूपी के प्रवासियों के लिए यह ट्रेन फायदेमंद होगा।