सीहोर। जिले के बुधनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। कहने को तो यह मुख्यमंत्री के बुधनी विधानसभा का स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन इसे यहां के जिम्मेेदारों ने रिफर सेंटर बना दिया है। यहां पर कोई भी मरीज आता है उसे तत्काल होशंगाबाद या भोपाल के लिए रिफर कर दिया जाता है। सोमवार को तो यहां पर स्थिति यह रही कि बुधनी की एक महिला को इमरजेंसी मेें अस्पताल लाया गया, लेकिन न तो ड्यूटी डॉक्टर मिले और न ही कोई अन्य जिम्मेेदार मिले। यहां पर मौजूद नर्स नेे महिला की बिना जांच किए ही उसे एक इंजेक्शन लगा दिया। इससे महिला की अस्पताल में ही मौत होे गई। मामले ने तूल पकड़ा तो चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच बैठा दी गई है।
परिजनों ने मचाया अस्पताल में हंगामा-
नहीं मिलता मरीजों को इलाज-
बुधनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई हुईं हैं। यहां पर आने वाले मरीजों को इलाज ही नहीं मिलता है। अस्पताल को रिफर सेंटर बना दिया गया है। यहां पर जो भी मरीज आते हैं तो उन्हें यहां से होशंगाबाद या भोपाल के लिए रिफर कर दिया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति यह है कि यहां पर लोगों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिलता है। कई बार यहां पर दुर्घटना के शिकार मरीज पहुंचे, लेकिन उन्हें बिना कोई प्राथमिक उपचार किए ही होशंगाबाद के लिए रिफर कर दिया गया।
मशीनें उपलब्ध, लेकिन टेक्नीशियन नहीं-
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुधनी में एक्स-रे मशीन सहित अन्य मशीनें भी उपलब्ध हैं, लेकिन यहां पर इन्हें चलाने वाले टेक्नीशियनों का अभाव हमेशा बना रहता है। यहां पर आने वाले मरीजों कोे निजी पैथालॉजी लेब एवं एक्स-रे वालों के पास जाकर जांचें एवं एक्सरे करवाना पड़ता है। यहां पर डॉक्टरों का भी अभाव है। बुधनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच डॉक्टर तैनात होना चाहिए, लेकिन हमेशा 2 डॉक्टरोें के भरोसे पर ही अस्पताल चलता रहा। यहां के दो एमबीबीएम डॉक्टर अंकुश शर्मा एवं राशि तिवारी पीजी करने के लिए तीन साल के लिए चल गए हैं। इसके कारण अब यहां पर कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है। मोहनीश पटेल ड्यूटी डॉक्टर हैं, लेकिन वे भी ज्यादातर समय नदारद ही रहते हैं। बीएमओ की तैनाती की गई है, लेकिन वे भी मौजूद नहीं थे।
आकस्मिक मृत्यु की जांच के लिए समिति गठित-
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बुदनी में उपचार के लिए लाई गई महिला की आकस्मिक मृत्यु होने के प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। समिति को प्रकरण की तत्काल विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इस समिति का अध्यक्ष जिला क्षय अधिकारी डॉ. जेडी कोरी को बनाया गया है। समिति में सदस्य जिला चिकित्सालय के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. आरके वर्मा, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. मालती आर्य, सहायक ग्रेड-3 भारती श्रीवास्तव को बनाया गया है।
कांग्रेस बोली, चरमरा गई है स्वास्थ्य सुविधाएं-
कांग्रेस ने 25 लाख का मेडिक्लेम का वचन दिया-
विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमानजी’ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति का 25 लाख रूपए का मेडिक्लेम एवं 10 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा कराया जाएगा, ताकि बीमार होने एवं दुर्घटना होने पर उसे यह राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र मेें भी यह वचन दिया है और सरकार बनने पर हर हाल में इस वचन कोे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ प्रत्येक व्यक्ति की अहमियत को समझते हैं और उन्हें प्रत्येक व्यक्ति की वैल्यू पता है, इसलिए वे प्रदेश के हर नागरिक को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रत्येेक व्यक्ति का 25 लाख का मेेडिक्लेम एवं 10 लाख का दुर्घटना बीमा का वचन दिया है। इसके बाद किसी को भी नेताओं के पास स्टीमट बनवाने एवं उसे पास कराने केे लिए चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।
इनका कहना है-
– सुधीर कुमार डेहरिया, सीएमएचओ, सीहोर