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बुधनी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना ’रिफर सेंटर’, नहीं मिलता मरीजों को ईलाज, महिला की मौत

अस्पताल पर राजनीति भी शुरू, कांग्रेस ने बताया चरमरा गई है स्वास्थ्य सुविधाएं

सीहोर। जिले के बुधनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। कहने को तो यह मुख्यमंत्री के बुधनी विधानसभा का स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन इसे यहां के जिम्मेेदारों ने रिफर सेंटर बना दिया है। यहां पर कोई भी मरीज आता है उसे तत्काल होशंगाबाद या भोपाल के लिए रिफर कर दिया जाता है। सोमवार को तो यहां पर स्थिति यह रही कि बुधनी की एक महिला को इमरजेंसी मेें अस्पताल लाया गया, लेकिन न तो ड्यूटी डॉक्टर मिले और न ही कोई अन्य जिम्मेेदार मिले। यहां पर मौजूद नर्स नेे महिला की बिना जांच किए ही उसे एक इंजेक्शन लगा दिया। इससे महिला की अस्पताल में ही मौत होे गई। मामले ने तूल पकड़ा तो चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच बैठा दी गई है।
परिजनों ने मचाया अस्पताल में हंगामा-
सोमवार को सुबह बुधनी के वार्ड नंबर 9 में रहने वाली 48 वर्षीय ममता सराठे की पीठ में अचानक से दर्द हुआ। इसके बाद उनका बेटा उन्हें स्कूटी पर लेकर बुधनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, लेकिन यहां पर न तोे ड्यूटी डॉक्टर मिले और न ही कोई अन्य जिम्मेदार मौजूद थे। अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर मोहनीश पटेल की ड्यूटी थी, लेकिन वे भोपाल में थे। अस्पताल में नर्स मौजूद थी। पीठ में दर्द होने पर नर्स ने ममता सराठे की बिना जांच पड़ताल किए ही उन्हें एक इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद ममता सराठे को उनका बेटा स्कूटी से ही घर के लिए लेकर निकला, लेकिन थोड़ी देर बाद महिला को अचानक से चक्कर आए और वह गिर गई। इस पर उनके अन्य परिजनों के साथ एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद महिला के परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और जमकर हंगामा मचाया, साथ ही नर्स से पूछताछ भी की कि उन्होंने कौन सा इंजेक्शन लगाया, लेकिन उन्हें कोई भी जबाव देने को तैयार नहीं। इधर वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद ने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां पर लोगोें का मारनेे का काम शुरू कर दिया गया है।
नहीं मिलता मरीजों को इलाज-
बुधनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमराई हुईं हैं। यहां पर आने वाले मरीजों को इलाज ही नहीं मिलता है। अस्पताल को रिफर सेंटर बना दिया गया है। यहां पर जो भी मरीज आते हैं तो उन्हें यहां से होशंगाबाद या भोपाल के लिए रिफर कर दिया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति यह है कि यहां पर लोगों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिलता है। कई बार यहां पर दुर्घटना के शिकार मरीज पहुंचे, लेकिन उन्हें बिना कोई प्राथमिक उपचार किए ही होशंगाबाद के लिए रिफर कर दिया गया।
मशीनें उपलब्ध, लेकिन टेक्नीशियन नहीं-
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुधनी में एक्स-रे मशीन सहित अन्य मशीनें भी उपलब्ध हैं, लेकिन यहां पर इन्हें चलाने वाले टेक्नीशियनों का अभाव हमेशा बना रहता है। यहां पर आने वाले मरीजों कोे निजी पैथालॉजी लेब एवं एक्स-रे वालों के पास जाकर जांचें एवं एक्सरे करवाना पड़ता है। यहां पर डॉक्टरों का भी अभाव है। बुधनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पांच डॉक्टर तैनात होना चाहिए, लेकिन हमेशा 2 डॉक्टरोें के भरोसे पर ही अस्पताल चलता रहा। यहां के दो एमबीबीएम डॉक्टर अंकुश शर्मा एवं राशि तिवारी पीजी करने के लिए तीन साल के लिए चल गए हैं। इसके कारण अब यहां पर कोई भी डॉक्टर तैनात नहीं है। मोहनीश पटेल ड्यूटी डॉक्टर हैं, लेकिन वे भी ज्यादातर समय नदारद ही रहते हैं। बीएमओ की तैनाती की गई है, लेकिन वे भी मौजूद नहीं थे।
आकस्मिक मृत्यु की जांच के लिए समिति गठित-
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बुदनी में उपचार के लिए लाई गई महिला की आकस्मिक मृत्यु होने के प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। समिति को प्रकरण की तत्काल विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इस समिति का अध्यक्ष जिला क्षय अधिकारी डॉ. जेडी कोरी को बनाया गया है। समिति में सदस्य जिला चिकित्सालय के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. आरके वर्मा, जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. मालती आर्य, सहायक ग्रेड-3 भारती श्रीवास्तव को बनाया गया है।
कांग्रेस बोली, चरमरा गई है स्वास्थ्य सुविधाएं-
जिन स्वास्थ्य सुविधाओें के नाम पर भोलेभाले मतदाताओं से वोट बटोरी गई, जिन स्वास्थ्य सुविधाओें के नाम पर वाहवाह कराई जाती है वे स्वास्थ्य सुविधाएं मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में ही चरमराई हुई है। बुधनी विधानसभा केे शासकीय अस्पताल खुद वेंटीलेटर पर हैं। इसका उदाहरण है बुधनी स्थित शासकीय अस्पताल, जहां पर एक नर्स ने महिला को इंजेक्शन लगाकर मौत के घाट उतार दिया। जब मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र की यह स्थिति है तो फिर मध्यप्रदेश के क्या होंगे। ये बातें बुधनी विधानसभा क्षेेत्र से कांग्रेस केे प्रत्याशी रहे युवा नेता, अभिनेता विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमान’ ने कही है। उन्होंने कहा है कि बुधनी सहित मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटीलेटर पर पहुंच गईं हैं। निजी अस्पतालों को तोे सरकार ने मालामाल कर दिया है, लेकिन शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरोें की नियुक्तियां तक नहीं कराई गई। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के ही शासकीय अस्पताल मेें स्टॉफ की भारी भरकम कमी है। एमबीबीएम डॉक्टरोें का यहां पर अभाव है। इमरजेंसी में एक महिला को अस्पताल ले जाया गया तो वहां पर कोेई डॉक्टर ही मौजूद नहीं रहा। नर्स ने इंजेक्शन लगाया तोे महिला की मौत हो गई। विक्रम मस्ताल शर्मा ने कहा कि यहां पर करोड़ों रूपए की लागत से अस्पताल की बिल्डिंग बनाई जा रही है, लेकिन डॉक्टर एवं स्वास्थ्य सुविधाएं बेहद गड़बड़ाई हुईं हैं। अस्पताल की बिल्डिंग निर्माण में भी भारी घोटाला किया जा रहा है। आखिरकार जिन स्वास्थ्य सुविधाओं की वाहवाही सरकार करती है, जिन स्वास्थ्य सुविधाओें के नाम पर मतदाताओं को रिझाया जाता है वे स्वास्थ्य सुविधाएं उन्हें उपलब्ध क्यों नहीं करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बुधनी विधानसभा सहित प्रदेशभर में स्थिति यह है कि यदि कोई बीमार होता है तो उसका निजी अस्पताल से स्टीमेट बनवाकर सीएम हाउस भिजवाया जाता है औैर वहां से राशि निजी अस्पताल को दी जाती है। जो राशि सरकार ने पिछले 17 वर्षों मेें निजी अस्पतालों को दी है उससे कई गुना कम राशि में प्रदेशभर सहित बुधनी विधानसभा के अस्पतालों का उद्धार हो जाता, लेकिन कमीशनबाजी के नाम पर यह सब चलता रहा। यही कारण है कि सीएम की बुधनी विधानसभा मेें ही अस्पतालों की दुर्गती हो रही है।
कांग्रेस ने 25 लाख का मेडिक्लेम का वचन दिया-
विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमानजी’ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति का 25 लाख रूपए का मेडिक्लेम एवं 10 लाख रूपए का दुर्घटना बीमा कराया जाएगा, ताकि बीमार होने एवं दुर्घटना होने पर उसे यह राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र मेें भी यह वचन दिया है और सरकार बनने पर हर हाल में इस वचन कोे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एवं पीसीसी चीफ कमलनाथ प्रत्येक व्यक्ति की अहमियत को समझते हैं और उन्हें प्रत्येक व्यक्ति की वैल्यू पता है, इसलिए वे प्रदेश के हर नागरिक को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रत्येेक व्यक्ति का 25 लाख का मेेडिक्लेम एवं 10 लाख का दुर्घटना बीमा का वचन दिया है। इसके बाद किसी को भी नेताओं के पास स्टीमट बनवाने एवं उसे पास कराने केे लिए चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे।

इनका कहना है-
बुधनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला की मौत की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। जांच के बाद लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
– सुधीर कुमार डेहरिया, सीएमएचओ, सीहोर

 

 

 

 

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