
सीहोर-रेहटी। धरती आबा योजना आदिवासियों के जीवन को बदलेगी। केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने इस योजना को शुरू करके आदिवासियों के हितों की रक्षा की है। हम सब भी बड़े भाग्यशाली हैं कि हमें एक ऐसी योजना में काम करने का मौका मिल रहा है, जिससे देश-प्रदेश के आदिवासियों के हितों की रक्षा होगी। अधिकारी भी योजना के लिए मैदान में उतरकर काम करें एवं लगातार योजना का फीडबैक लेते रहे। यह योजना बेहद कारगर है। मैं एक बार फिर से यहां आउंगा और योजना के तहत होने वाले कार्यों को देखूंगा। यह बात महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कही। वे सीहोर जिले की रेहटी तहसील के ग्राम झोलियापुर पहुंचे थे। राज्यपाल ने यहां पर धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत आयोजित राज्य स्तरीय शिविर का शुभारंभ किया। इससे पहले कार्यक्रम का विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शुभारंभ हुआ। झोलियापुर पहुंचे राज्यपाल का विधायक रमाकांत भार्गव, भाजपा सलकनपुर मंडल अध्यक्ष बनवीर सिंह चंद्रवंशी, पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रेमनारायण मीणा सहित नेताओं, कार्यकर्ताओें, स्थानीय लोगों एवं कलेक्टर बालागुरू के., पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला सहित अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया।
बिरसा मुंडा के चरित्र को पढ़े युवा-
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी बिरसा मंडा सिर्फ 25 साल के थे। उन्होंने समाज के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किए। समाज को एक दिशा दी। युवाओं के साथ सभी को बिरसा मुंडा का चरित्र पढ़ना चाहिए। वे अंग्रेजों के सामने लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हुए। उन्होंने गरीबों का उत्थान किया। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि अब सरकार ने योजना बना दी है और अब हम सबको मिलकर इस योजना को अमलीजामा पहनाना है। इसको समाज के अंतिम वर्ग के व्यक्ति तक पहुंचाना है।
लगाए जाएंगे गांव-गांव शिविर-
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने झोलियापुर में राज्य स्तरीय शिविर का शुभारंभ किया। अब आदिवासी गांवों में भी येे शिविर लगातार लगाए जाएंगे। धरती आबा अभियान 15 जून से शुरू हो गया है और यह 30 जून तक चलेगा। इस दौरान शिविर के माध्यम से हितग्राहियों को आयुष्मान भारत योजना, केसीसी योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, मातृवंदना योजना, बाल आर्शीवाद योजना, तेंदूपत्ता संग्रहण एवं बोनस योजना, पांच रूपए में नवीन विद्युत कनेक्शन योजना, पीएम आवास योजना सहित अनेक योजनाओं के लिए पंजीयन किए जाएंगे। झोलियापुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया, जहां पर जांच करा रहे आदिवासियों से भी राज्यपाल ने मुलाकात की। कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों ने अपने पारंपरिक नृत्य की भी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में राज्यपाल ने हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक रमाकांत भार्गव ने भी संबोधित किया।
स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन-
धरती आबा जनभागीदारी अभियान के राज्य स्तरीय शिविर में जहां सरकारी योजनाओं को लेकर जानकारियां दी गईं तो वहीं यहां पर स्वास्थ्य शिविर भी लगाया गया। इस स्वास्थ्य शिविर में रेहटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की टीम ने आदिवासियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। इस दौरान लोगों के वीपी, शुगर सहित कई जांचें की गईं।
महिलाओं, बच्चों के बीच पहुंचे महामहिम-
झोलियापुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने बच्चों से भी चर्चा की। उन्होंने बच्चों से पूछा कि वे स्कूल जाते हैं या नहीं। उन्होंने बच्चों को सीख दी कि सभी स्कूल जाएं और खूब पढ़ाई करें। इस दौरान राज्यपाल महिलाओं के बीच भी पहुंचे और उनसे भी चर्चा की। राज्यपाल ने महिलाओं से योजनाओं के लाभ को लेकर पूछा तो महिलाओं ने बताया कि उन्हें सभी योजनाओें का लाभ मिल रहा है।
प्रचार रथ को दिखाई हरी झंडी-
राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं विधायक रमाकांत भार्गव ने कार्यक्रम के दौरान धरती आबा जनभागीदारी अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए प्रचार रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ गांव-गांव में पहुंचकर धरती आबा जनभागीदारी अभियान का प्रचार-प्रसार करेगा।
क्या है धरती आबा अभियान?
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए संचालित किया जा रहा एक उच्च प्राथमिकता वाला अभियान है। यह अभियान 15 जून से 30 जून 2025 तक संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से देशभर के जनजातीय क्षेत्रों में सेवाओं और बुनियादी ढांचे को संतृप्त करना है। इस अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जनजातीय क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों की पात्रतानुसार सभी शासकीय योजनाओं एवं सेवाओं तक पहुंच हो सके। इस अभियान के तहत सीहोर जिले के 80 जनजातीय बाहुल्य गांवों का चयन किया गया है, जिनमें 15 जून से 30 जून तक शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान के तहत सीहोर जिले के 80 जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के 15, 736 परिवार लाभान्वित होंगे।