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एक दिन पहले रैकी की, फिर घटना को अंजाम दिया, 48 घंटे में पुलिस ने दबोचा

- भैरूंदा में हुए सनसनीखेज गोलीकांड के मामले में फरार आरोपी पकड़ाया, पुलिस की चार टीम लगातार करती रही सर्चिंग

सीहोर। जिले के भैरूंदा में हुए सनसनीखेज गोलीकांड के आरोपी प्रभुसिंह दायमा ने घटना से एक दिन पहले रैकी की थी। उसके बाद अगले दिन घर में घुसकर घटना को अंजाम दिया। आरोपी प्रभुसिंह मृतक युवती से एकतरफा प्यार करता था। दोनों आपस में चचेरे भाई-बहन भी लगते थे। इसी कारण घर वाले इस रिश्ते से सहमत नहीं थे। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया था। इस मामले में भैरूंदा पुलिस की चार टीमें लगातार आरोपी की सर्चिंग कर रही थी। इसके बाद आरोपी की लोकेशन पता चली और पुलिस टीम ने उसे सतराना के पास से दबोच लिया। भैरूंदा पुलिस ने घटना के 48 घंटे में आरोपी को पकड़ लिया। अब गुरूवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

घटना के बाद से ही सक्रिय रही पुलिस टीम-
भैरूंदा में हुए इस सनसनीखेज गोलीकांड के बाद पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के निर्देश पर एएसपी गीतेश गर्ग, एसडीओपी दीपक कपूर के मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी घनश्याम दांगी के नेतृत्व में चार पुलिस टीमें बनाई गईं। पुलिस टीमों ने आरोपी प्रभुसिंह दायमा के घर मट्ठागांव, उसके रिश्तेदार, दोस्तों सहित अन्य स्थानों पर दबिश दी। पुलिस ने परिजनों के बयान भी दर्ज किए। इसके साथ ही अपने मुखबिरों को भी सक्रिय किया। पुलिस टीमें इटारसी, हरदा, खंडवा सहित अन्य स्टेशनों पर भी तैनात की गई, ताकि आरोपी कहीं बाहर न जा सके। चारों तरफ से आरोपी की धरपकड़ के लिए पुलिस ने मोर्चा संभाला। इसी दौरान पुलिस जांच में आरोपी की लोकेशन सतराना के पास मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी प्रभुसिंह दायमा को पकड़ लिया एवं उससे पूछताछ की।

एकतरफा था प्यार, युवती को करता था परेशान –
इस मामले में फरियादिया ललिता कीर निवासी नारायण सिटी भैरुंदा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी छोटी बेटी आरती का पिछले दो वर्षों से प्रभुसिंह दायमा पिता धनराज दायमा निवासी मट्ठागांव तहसील रेहटी बुरी नीयत से पीछा करता है। वह फोन करके भी परेशान करता है। यह मामला भैरूंदा न्यायालय में विचाराधीन है। इसके बाद 14 जुलाई को रात्रि करीब 8 बजे आरोपी ने घर में घुसकर गोलियां चलाईं। फरियादिया ललिता कीर से लिए बयान में उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन वह स्वयं व तीनों बच्चे घर में ही थे व पति बाजार गए हुए थे। घर का गेट खुला हुआ था, तभी प्रभुसिंह दायमा हाथ में पिस्तौल लेकर घर में घुस आया व गंदी-गंदी गालियां देकर छोटी बेटी आरती से कहा कि तुझे तो मैं बताता हूं। तुझे मैं यही जान से मार दूंगा। यह कहते हुए उसने हाथ में रखी पिस्तौल से आरती को जान से मारने के लिए 4 राउंड गोली चलाई। आरती को 2 गोली लगी व एक गोली मुझे सिर पर लगी। गोली लगने से बेटी के शरीर से खून निकलने लगा और वह वही नीचे गिर गई। घटना के बाद प्रभुसिंह दायमा छत की ओर गया और वहां से नीचे कूदकर भाग गया। इसके बाद बच्चों ने पति को फोन लगाया। पति घर पर आए। इस दौरान आस-पड़ोस के लोग भी आ गए थे, जिन्होंने हमारी मदद की व हमें लेकर अस्पताल आए। ईलाज के दौरान मेरी बेटी आरती उम्र 18 वर्ष की मृत्यु हो गई। रिपोर्ट पर पुलिस ने अप क्रमांक 343/24 धारा 103(1), 109, 331(2), 296, बीएनएस का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।

इनकी रही सराहनीय भूमिका –
उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी नसरुल्लागंज घनश्याम दांगी, एसआई श्यामकुमार सूर्यवंशी, एसआई पूजासिंह राजपूत, एएसआई विजय यादव (थाना गोपालपुर), दिनेश जाट, राजेन्द्र चंद्रवंशी, भुवनेश्वर प्रसाद, रामशंकर परते, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, योगेश कटारे, पुष्पेन्द्र जाट, राजीव मरापो, दीपक जाटव, विनोद सोलंकी, आनंद गुर्जर, वैशाली तिवारी, रामसुखी बाई का सराहनीय योगदान रहा। पुलिस अधीक्षक सीहोर द्वारा पुलिस टीम को नगद पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

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