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राजस्व मंत्री के गृह जिले में नाफरमान तहसीलदार, कोर्ट के आदेश को भी ठेंगा, जमानती वारंट जारी

सीहोर तहसील में पदस्थ प्रभारी तहसीलदार भारत नायक की हठधर्मिता, कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं किया जमीन का सीमांकन

सीहोर। प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के गृह जिले सीहोर की सीहोर तहसील में पदस्थ तहसीलदार की नाफरमानी सामने आई है। तहसीलदार द्वारा कोर्ट के आदेश को भी हवाहवाई कर दिया गया। इसको लेकर न्यायालय ने सख्त रूख अपनाते हुए तहसीलदार को जमानती वारंट जारी करते हुए उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। मामला जिले की शेरपुर स्थित एक जमीन के सीमाकंन से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार व्यवहार वाद क्रमांक 105ए/2022 विकास राठौर विरूद्ध राकेश राठौर में वादी के आधिपत्य एवं स्वामित्व की भूमि सर्वे क्रमांक 24/8 रकबा 0.1620 हेक्टेयर एवं प्रतिवादी राकेश राठौर के स्वत्व की भूमि सर्वे नंबर 22/2/3, 22/1/1, 24/1 एवं 21/1 कुल रकबा 1.95 एकड़ एवं सिविल वाद क्रमांक 106ए/22 राजेंद्र राठौर व सुनीता आदी में वादी की भूमि खसरा नंबर 24/7 रकबा 0.0730 ग्राम शेरपुर तहसील व जिला सीहोर में है। इस जमीन को लेकर सीमाकंन का आवेदन किया गया था, लेकिन समय पर सीमांकन नहीं हुआ। लंबे समय तक मामला अटका रहा। इसके बाद मामले में अपील की गई एवं कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। माननीय न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आदेश में कहा था कि आपके अधीनस्थ सक्षम अधिकारी को कमिश्नर नियुक्त कर 27 मई 2024 के पूर्व रिट ऑफ कमीशन प्राप्त कर, पक्षकारों को सूचना देकर मौके पर पहुंचकर सीमांकन कर सहमति नक्शा तैयार कर प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए। इसके बावजूद तहसीलदार भारत नायक ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया। अब न्यायालय ने उनके विरुद्ध जमानती वारंट जारी कर दिया है एवं तलब करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रकरण सीमांकन कार्यवाही दिनांक 30 जुलाई 2025 को प्रस्तुत की जाए। समय पर सीमांकन नहीं कराने पर प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड के प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश दीपेंद्र मालू ने आदेश जारी करते हुए तहसीलदार को 30 जनवरी तक सीमांकन कार्रवाई का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। मामला राखी सिकरवार द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड सीहोर द्वारा लंबित रिट ऑफ कमीशन के तहत दो सिविल प्रकरणों से जुड़ा है।
कलेक्टर को भी भेजी थी पत्र की प्रति-
कोर्ट द्वारा भेजे गए पत्र की एक प्रति कलेक्टर कार्यालय को भी भेजी गई थी, लेकिन इसके बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई। एक तरफ कलेक्टर लगातार राजस्व अमले की बैठकें लेकर उन्हें निर्देश दे रहे हैं कि पेंडिंग मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए। सीमांकन, बंटाकन सहित अन्य कार्यों को समय पर किया जाए। पिछले दिनों भी कलेक्टर बालागुरू के ने जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार की बैठक ली थी एवं दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं है। सीहोर जिले में लगातार जमीनों से जुड़े विवाद सामने आ रहे हैं। इन विवादों के कारण कई बार लोगों की जानें भी चली गईं हैं। आए दिन जमीनों के विवादों में पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज हो रही हैं। इसके बाद भी मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।
इनका कहना है-
शेरपुर की जमीन के सीमांकन से जुड़ा मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। संबंधित जमीन में बंटान नहीं होने के कारण नक्शे बनाने में परेशानी आ रही है। बटान में भी रकबा बड़ा हुआ आ रहा है। अभी उस जमीन का बटान बना रहे हैं उसके बाद आगे की प्रक्रिया की जाएगी। इस संबंध में फाइल एसडीएम के पास भी है। माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है एवं नियम, प्रक्रिया के तहत जल्द ही जमीन का सीमाकंन कराया जाएगा।
– भारत नायक, तहसीलदार, तहसील सीहोर

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