नई दिल्ली। भारत की स्टार एथलीट धावक दुतीचंद डोप टेस्ट में फेल हो गई हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी यानी नाडा ने उनके दोनों सैंपल फेल होने के बाद उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध जनवरी 2023 से लागू माना जाएगा। यानी इसके बाद जीते हुए उनके तमाम मेडल भी छीन लिए जाएंगे। दुतीचंद ने 2018 के एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर दो सिल्वर मेडल जीते थे। ये मेडल 100 और 200 मीटर दौड में जीते थे।
डोप में मिले प्रतिबंधित पदार्थ
दुती के दिसंबर में लिए गए दोनों नमूल फेल पाए गए। उनके नमूने में एनाबोलिक एजेंट-एसएआरएमएस मौजूद थे, जो वाडा की 2023 प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में शामिल हैं। एसएआरएमएस ऐसे नॉन स्टेराइड पदार्थ हैं, जिन्हें आमतौर पर आस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधित बीमारी), अनीमिया (खून की कमी) और मरीजों में जख्मों से उबरने के लिए किया जाता है। दुती के दोनों नमूने 5 और 26 दिसंबर को लिए थे। उनके पहले एंडाराइन, ऑस्ट्राइन और लिंगनड्रोल पाया गया है। वहीं दूसरे सैंपल में एंडाराइन और ऑस्ट्राइन मिला है।
बचाव में दिया था ये तर्क
दुती ने एंटी डोपिंग डिस्पलेनरी पैनल के समक्ष अपने को बेगुनाह बताया था। कहा था कि उन्होंने हडि्डयों से संबंधित समस्या के लिए अपने पर्सनल फिजियो के कहने पर इस दवा का सेवन किया था। हालांकि उन्होंने मान्यता प्राप्त फीजियो से सलाह नहीं ली और न ही इसकी जानकारी उन्होंने फेडरेशन या स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ही दी। उन्होंने दवा लेने से पहले वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी के बैन पदार्थों की भी जांच नहीं की। नाडा ने उनके तर्क खारिज कर सजा सुनाई। 27 वर्षीय दुतीचंद ने इस प्रतिबंध को चैलेंज करने निर्णय लिया है।
100 मीटर में वर्तमान चैंपियन
दुतीचंद भारत की स्टार धावक हैं। एशियन गेम्स 2018 में दो सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने अपनी मेधा का परिचय दिया था। 100 मीटर इवेंट में वे भारत की वर्तमान चैंपियन हैं। ग्लोबल कांपटीशन में 100 दौड में गोल्ड मेडल जीतने वाली वे पहली भारतीय हैं। समर ओलपिंक में 100 दौड के लिए क्वालिफाई करने वाली वे ओवरआल तीसरी धावक रही हैं।