Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीमध्य प्रदेशरेहटीसीहोर

दो पटवारियों समेत 5 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

सीहोर। प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा के विधानसभा क्षेत्र में शासकीय भूमि को निजी बनाने का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बिलकिसगंज थाना क्षेत्र के गांव रत्नाखेड़ी में दो पटवारियों ने तीन स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर 4.451 हेक्टेयर (लगभग 11 एकड़) सरकारी जमीन को धोखाधड़ी कर राजस्व रिकॉर्ड में निजी बता दिया।
मामला तब उजागर हुआ जब जमीन के खरीदारों द्वारा वर्षों तक नामांतरण न हो पाने के बाद पीडि़त पक्ष ने शिकायत की। कलेक्टर कार्यालय ने जांच के आदेश दिए, जिसमें पता चला कि किसानों के नाम दर्ज कराई गई जमीन का खसरा नंबर ही बोगस था। कलेक्टर के सख्त निर्देश पर बिलकिसगंज पुलिस ने इस जालसाजी में शामिल दो पटवारियों सहित कुल पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
क्या है पूरा मामला
मामला वर्ष 2003 से 2005 के बीच का है। सीहोर तहसीलदार की ओर से प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार अनावेदक इकरार अहमद, अनसार अहमद और निसार अहमद (सभी रत्नाखेड़ी निवासी) ने तत्कालीन पटवारियों हरिसिंह चौहान और जितेंद्र कौशल के सहयोग से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। इन्होंने ग्राम रत्नाखेड़ी की शासकीय भूमि के तीन खसरा नंबर खसरा क्रं. 67/3 रकबा 1.214 हेक्टेयर, खसरा क्रं. 67/2 रकबा 1.214 हेक्टेयर, खसरा क्रं. 66/1 रकबा 2.023 हेक्टेयर को फर्जी तरीके से तीनों अनावेदकों के नाम दर्ज करवा दिया, जबकि यह भूमि पूरी तरह से शासकीय संपत्ति थी।
नामांतरण नहीं होने पर हुआ धोखाधड़ी का खुलासा
सूत्रों के अनुसारए जब इन आरोपियों ने यह फर्जी तरीके से दर्ज कराई गई भूमि किसी अन्य व्यक्ति को बेच दीए तो खरीददार पक्ष का नामांतरण लंबे समय तक नहीं हो पाया। इसके बाद पीडि़त पक्ष ने शिकायत की, जो कलेक्टर तक पहुंची। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए। जांच में स्पष्ट हुआ कि बिना किसी सक्षम अधिकारी के आवंटन या नामांतरण आदेश के, पटवारियों और अनावेदकों ने षड्यंत्रपूर्वक फर्जी दस्तावेज बनाए और शासकीय भूमि को निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया। कलेक्टर द्वारा दिए गए आदेश के पालन में अब तहसीलदार द्वारा उक्त भूमि को पुन: राज्य शासन के नाम दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।
पटवारी सहित इनके खिलाफ एफआईआर
बिलकिसगंज पुलिस ने तहसीलदार के पत्र के आधार पर आरोपी इकरार अहमद पिता निशार अहमद, अनसार अहमद पिता निशार अहमद, निसार अहमद पिता शफीक अहमद, पटवारी हरिसिंह चौहान (पदस्थ 3 जनवरी 2003 से 3 दिसंबर 2003), पटवारी जितेंद्र कौशल (पदस्थ 12 फरवरी 2004 से 10 सितंबर 2004) के खिलाफ विभिन्न धारा जिनमें षडयंत्र (आईपीसी 120बी) और धोखाधड़ी (आईपीसी 420); शामिल हैं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की विवेचना शुरू कर दी है और तत्कालीन पदस्थ पटवारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
सरकारी भूमि पर लगातार हो रही है गड़बड़ी
बता दें यह जिले में सरकारी जमीन से छेड़छाड़ का कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले भी राजस्व मंत्री के क्षेत्र में भंवरा के पटवारी को अवैध नामांतरण के आरोप में निलंबित किया गया था। वहीं इछावर विधानसभा क्षेत्र में एक अन्य पटवारी ने धोखाधड़ी कर करीब 45 एकड़ सरकारी जमीन अपने साथियों के नाम कर दी थी, जिसके बाद उस पर भी प्रकरण दर्ज किया गया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button