
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र पुरानी बिल्डिंग में ही बुलाया गया था, लेकिन अब विशेष सत्र से सभी कार्यवाही नई बिल्डिंग में शिफ्ट कर दी जाएगी। संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन इसी साल मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
मोदी सरकार द्वारा बुलाया गया संसद का विशेष सत्र नए और पुराने दोनों संसद भवन में आयोजित किया जाएगा। 18 सितंबर को सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी, लेकिन 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के मौके पर इसे नए संसद भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है।
मई में हुआ था उद्घाटन
संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन इसी साल मई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। हालांकि, इसमें अभी काम शुरू नहीं हुआ था। मानसून सत्र पूरी तरह से संसद की पुरानी बिल्डिंग में किया गया था, लेकिन अब जब विशेष सत्र बुलाया गया है, तब संसद की कार्यवाही को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा रहा है।
आगे के सत्र नई बिल्डिंग में
माना जा रहा है कि संसद का आगे का सारा काम अब नई बिल्डिंग में ही होगा, यानी शीतकालीन सत्र का आयोजन भी नई बिल्डिंग में होगी। मोदी सरकार ने संसद का जो विशेष सत्र बुलाया है, उसमें कुल 5 बैठकें होंगी। इस सत्र का मुख्य एजेंडा क्या होगा, अभी ये पूरी तरह से साफ नहीं है। हालांकि, वन नेशन वन इलेक्शन, महिला आरक्षण बिल समेत अन्य मुद्दों को लेकर कई कयास लग रहे हैं।
नई बिल्डिंग की ये हैं खासियतें
अगर संसद की नई बिल्डिंग की बात करें तो इसका नींव साल 2020 में रखी गई थी, जबकि साल 2023 में इसका उद्घाटन किया गया हैै। ये बिल्डिंग पुराने संसद भवन के बिल्कुल बगल में बनी है, जिसे टाटा प्रोजेक्ट्स ने बनाया है। केंद्र सरकार ने सेंट्रल विज्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन को बनाया है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं हैं। इस संसद भवन में राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही जगह अधिक सांसदों के बैठने की जगह है, जबकि संयुक्त सत्र के लिए 1280 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं। करीब 900 करोड़ रुपए के बजट में बना नया संसद भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें म्यूजियम, पुस्तकालय, सासंदों के लिए अन्य विशेष सुविधाएं हैं।