गैंगस्टर हेमू ठाकुर आठ महीने बाद गिरफ्तार

इंदौर
शराब सिंडिकेट दफ्तर में हुए गोलीकांड के आरोपित गैंगस्टर हेमू ठाकुर को क्राइम ब्रांच ने आठ महीने बाद गिरफ्तार कर लिया। हेमू वारदात के बाद सहआरोपित छोटू दयाराम के साथ नेपाल भाग गया था। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए एक उस कॉलगर्ल का सहारा लिया जो अक्सर हेमू से मिलने जाया करती थी।
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक पिछले वर्ष जुलाई में शराब सिंडिकेट आफिस (विजय नगर) में हेमू ठाकुर के भाई चिंटू व गुंडे सतीश भाऊ ने वर्चस्व को लेकर शराब कारोबारी अर्जुन ठाकुर पर गोलियां चलाई थी। चिंटू और सतीश ने तो सरेंडर कर दिया लेकिन हेमू फरार होकर छोटू के साथ नेपाल भाग गया। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया तो अग्रिम जमानत की कोशिश में लग गया। जमानत खारिज होने पर वह इंदौर आ गया और अलग-अलग कॉलोनियों में किराये से मकान लेकर रहने लगा। गोलीकांड के बाद पुलिस ने हेमू की प्रेमिका को थाने बुलाया तो घर में कलह शुरु हो गई।
हेमू की पत्नी इस बात से गुस्सा हुई कि हेमू का प्रेम प्रसंग भी चल रहा है। हेमू की प्रेमिका ने पुलिसवालों से संपर्क कर मदद मांगी और हेमू के स्वजनों से जान का खतरा बताया। इसी दौरान जानकारी मिली कि हेमू लसूड़िया क्षेत्र में ऐंजल पार्क में रुका है और जनता क्वार्टर में रहने वाली कॉलगर्ल उसके पास जाती थी। पुलिस ने उस युवती का पीछा किया और रविवार रात गिरफ्तार कर लिया।गांधीनगर की दुकान को लेकर हुआ था विवादविजयनगर थाना टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक हेमू व चिंटू गांधी नगर स्थित उस शराब दुकान पर कब्जा करना चाहते थे जिसे अर्जुन ठाकुर चला रहा था।
घटना के एक दिन पूर्व गांधीनगर में विवाद हुआ तो शराब कारोबारी एके सिंह व पिंटू भाटिया ने समझौता के लिए सिंडिकेट ऑफिस में बुलाया। हेमू व चिंटू गुंडे सतीश भाऊ के साथ पहुंचा और बातचीत के दौरान अर्जुन पर फायर कर दिया।