
आष्टा। गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी प्रकरण में जो निर्णय दिया है वह सत्यपिपासु लोगों के लिए निराशाजनक है। यह निर्णय सत्य के साथ नहीं है। चूंकि राहुल गांधी आज के जनतंत्र समाप्त करो अभियान के प्रमुख विरोधी हैं, वे अपनी सत्य बात को आम आदमी तक पहुंचाने के लिए महात्मा गांधी एवं कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप लगातार संघर्ष कर रहे हैं, उनकी इस साहसिक प्रवृत्ति से भारत देश का सत्ताधारी व्यक्ति घबरा रहा है। इसी के कारण राहुल गांधी सत्य का आश्रय छोड़कर समझौतापरस्ती से राजनीति करे। इस षड्यंत्र को पूर्ण करने के लिए ही न्यायालय के समक्ष असत्य तथ्य प्रस्तुत करवाए गए हैं। माननीय गुजरात उच्च न्यायालय से अपेक्षा थी कि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा दी गई सजा को अपील के निर्णय तक स्थगित रखा जाता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरूद्ध आए इस निर्णय को राहुल गांधी एवं कांग्रेस उच्चतम न्यायालय तक ले जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव एवं आष्टा के पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार ने उच्च न्यायालय के निर्णय को निराशाजनक निरूपित किया है।