लोक अदालत से मिला न्याय, घर पहुंचते ही ‘बिजली का झटका’

सीहोर। जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत ने इस वर्ष की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। इस लोक अदालत में 5,221 प्रकरणों का निराकरण किया गया और 11 करोड़ 25 लाख 79 हजार 156 रुपये की समझौता राशि जमा हुई। अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला न्यायाधीश प्रकाश चंद्र आर्य ने किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत न केवल मामलों का बल्कि विवादों का भी हमेशा के लिए निपटारा करती है, जिससे लोगों के बीच आपसी संबंध सुधरते हैं।
लोक अदालत में कई चर्चित मामले भी सामने आए, जिनमें टूटे रिश्तों को फिर से जोड़ा गया। एक मामले में पति-पत्नी सचिन और प्रिया, जो पारिवारिक विवाद के चलते अलग रह रहे थे, प्रधान न्यायाधीश वैभव मंडलोई की समझाइश के बाद खुशी-खुशी फिर साथ रहने को तैयार हो गए। इसी तरह दो पड़ोसी इमरान अयान और शाहरुख, जो मामूली विवाद को लेकर एक.दूसरे के खिलाफ मुकदमेबाजी कर रहे थे, उन्होंने भी प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर्य और अन्य अधिकारियों की मध्यस्थता से सुलह कर एक.दूसरे को गले लगाया।
बिजली उपभोक्ताओं को राहत के बाद झटका
लोक अदालत में सबसे ज्यादा मामले विद्युत वितरण कंपनी से संबंधित थे, जहां बढ़े हुए बिलों से परेशान लोगों की भारी भीड़ थी। एक चौंकाने वाली घटना में बढिय़ाखेड़ी निवासी राधेश्याम ने लोक अदालत में 13 हजार रुपये का बिजली बिल जमा किया, लेकिन घर पहुंचते ही उनके मोबाइल पर 6 हजार रुपये का एक और बिल आ गया। राधेश्याम ने बताया कि एक ही महीने में दो-दो बार बिल आने से वे और अन्य लोग बहुत परेशान हैं। उन्होंने कहा कि उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है और जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पुराने मामले भी निपटाए गए
लोक अदालत में पुराने मामलों का भी निपटारा किया गया। न्यायाधीश शिवानी श्रीवास्तव के न्यायालय में 5 वर्ष से अधिक पुराने चार चेक बाउंस के मामले सुलझाए गए। इसी तरहए न्यायाधीश दीपेंद्र मालू के न्यायालय में 14 लाख 20 हजार रुपये के एक चेक बाउंस के मामले सहित कई पुराने मामले निपटाए गए। इस दौरान राजीनामा करने वाले पक्षकारों को फूलमाला और पौधे देकर प्रोत्साहित किया गया। कार्यक्रम में कई न्यायाधीशए अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और अधिकारी उपस्थित थे।