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जाने केराटिन ट्रीटमेंट के फायदे और नुकसान

बाल हमारी पर्सनैलिटी का अहम हिस्‍सा हैं। प्रदूषण, लाइफस्‍टाइल में बदलाव और खानपान में गड़बड़ी से बालों की सेहत पर भी असर पड़ता है। रही-सही कमी पूरी कर देते हैं केमिकल युक्‍त शैंपू, जिन्‍हें जाने-अनजाने हम अपने बालों में इस्‍तेमाल कर जाते हैं। नतीजतन, हमारे बालों में मौजूद प्राकृतिक केराटिन धीरे-धीरे खत्‍म होने लगता है और बाल रुखे और बेजान दिखाई देते हैं। इसका इलाज छुपा है केराटिन ट्रीटमेंट में। तो देर किस बात की, चलिए जानते हैं केराटिन ट्रीटमेंट क्या है, इसके फायदे और नुकसान के बारे में।

केराटिन बाल उपचार क्या है

केराटिन बालों, नाखूनों और त्वचा में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जिसकी वजह से हमारे बाल सीधे, लहरदार या घुंघराले होते हैं। केराटिन की वजह से बालों में चमक आती है। लेकिन प्रदूषण, धूप में ज्‍यादा रहने और बहुत ज्‍यादा केमिकल के इस्‍तेमाल से केराटिन हमारे बालों से खत्‍म होता जाता है। इससे बालों की चमक पर तो असर पड़ता ही है, वह रुखे और बेजान भी नजर आने लगते हैं। आजकल बालों में इस नैचुरल प्रोटीन को फ‍िर से बनाए रखने का कॉन्‍सेप्‍ट आम हो गया है। इसी को केराटिन ट्रीटमेंट कहा जाता है।

केराटिन ट्रीटमेंट में फॉर्मलाडेहाइड युक्त क्रीम (एक ऐसा रसायन जो फॉर्मलाडेहाइड रिलीज करता है) उसे बालों में लगाया जाता है। फ‍िर कुछ देर के लिए बालों को छोड़ दिया जाता है। फ‍िर बालों को ड्राई और फ्लैट तरीके से आयरन किया जाता है। आयरन से निकलने वाली हीट, कंप्रेसन और फॉर्मलाडेहाइड की वजह से केराटिन, बालों के साथ बंध जाता है। इसके परिणामस्‍वरूप आपके घुंघराले या लहराते बाल एकदम सीधे और रिलेक्‍स हो जाते हैं।

केराटिन बाल उपचार के विभिन्न प्रकार क्या हैं

केराटिन ट्रीटमेंट कई तरह का है, जिन्‍हें आपके बालों की जरूरत के हिसाब से अपनाया जाता है। आइए एक-एक करके इनके बारे में जानते हैं।

1. ब्राजीलियन केराटिन

यह केराटिन ट्रीटमेंट आपके बालों को स्मूद बनाता है। यह बालों के वॉल्‍यूम को बरकरार रखता है। बहुत घुंघराले बालों वाले लोगों के लिए यह सबसे बेहतर है। इस ट्रीटमेंट को बालों पर लगाया जाता है, उसके बाद बालों को ब्लो ड्राय किया जाता है। फिर फ्लैट आयरन से बालों को कंप्रेस करके यह सुनिश्‍चित किया जाता है कि यह ट्रीटमेंट अच्‍छे से आपके बालों में सील हो जाए। पूरी प्रक्रिया में लगभग एक घंटे का समय लगता है। ट्रीटमेंट का असर तीन से छह महीने तक रहता है। ब्राजीलियन केराटिन ट्रीटमेंट में फॉर्मलाडेहाइड का इस्‍तेमाल नहीं होता है।

2. सॉफ्ट केराटिन

सॉफ्ट केराटिन ट्रीटमेंट, जेंटली यानी आराम से बालों को स्‍मूद बनाता है। यह बालों को स्‍मूद तो बनाता है, लेकिन उनके घुंघरालेपन को बरकरार रखता है। यह ट्रीटमेंट फाइन या मीडियम टेक्‍सचर वाले बालों में किया जाता है। इसे बालों की जड़ से सिरे तक लगाया जाता है। फ‍िर ब्लो-ड्रायर और सिरेमिक फ्लैट आयरन का इस्‍तेमाल करके पूरे ट्रीटमेंट को बालों में सील कर दिया जाता है। यह लगभग दो महीने तक कारगर रहता है।

3. जैपजिलियन केराटिन

यह ट्रीटमेंट ब्राजीलियाई केराटिन ट्रीटमेंट और जापानी बालों को स्‍ट्रेट करने में इस्‍तेमाल होने वाले ट्रीटमेंट को जोड़कर बनाया गया है। यह ट्रीटमेंट सभी प्रकार के बालों के लिए ब्राजीलियाई ट्रीटमेंट की तुलना में लगभग पांच महीने ज्‍यादा चलता है।

इसमें सबसे पहले, ब्राजीलियन केराटिन को बालों में लगाकर ब्लो ड्रायर और सिरेमिक फ्लैट आयरन से सील किया जाता है। इसके बाद जापानी स्ट्रेटनिंग पर्म को बालों में कंघी की मदद से लगाया जाता है। एक घंटे बाद जब यह सेट हो जाता है, तो बालों को फिर से धोया और सुखाया जाता है। इस ट्रीटमेंट में तीन से चार घंटे का समय लगता है।

4. केराटिन एक्सप्रेस

इस ट्रीटमेंट का इस्‍तेमाल उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिनके लहराते या सीधे बाल हैं और नमी की वजह से घुंघराले हो जाते हैं। इसे सीरम के रूप में बालों पर लगाया जाता है और ब्लो ड्रायर और सिरेमिक फ्लैट आयरन से सील कर दिया जाता है। यह ट्रीटमेंट बाकी ट्रीटमेंट के मुकाबले कम समय तक असरदार है।
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किन खाद्य पदार्थों में केराटिन होता है?

केराटिन ह्यूमन बॉडी में बिल्डिंग ब्लॉक बनाते हैं। केराटिन्स सख्त प्रोटीन होते हैं, जो एपिथ‍िलियल सेल की संरचना बनाते हैं। ये कोशिकाएं शरीर के अंदर और बाहर सरफेस को रेखाबद्ध करती हैं और त्वचा, बालों और नाखूनों में टिशूज को बनाने में मदद करती हैं। हालांकि आजकल केराटिन कई सारे ट्रीटमेंट के जरिए बालों में लगाया जा रहा है, लेकिन इसके साथ जरूरी है कि खान-पान पर भी ध्‍यान दिया जाए। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे आपके शरीर को केराटिन मिल सकता है और जो मार्केट में आसानी से उपलब्‍ध भी हैं, वह हैं,

    अंडा
    प्याज
    सैल्मन
    शकरकंद

    सूरजमुखी के बीज
    आम
    लहसुन
    गोभी
    गाजर

केराटिन हेयर ट्रीटमेंट के बाद मैं अपने बालों की देखभाल कैसे कर सकता हूं?

1. बालों में सस्ते शैंपू का इस्‍तेमाल करने से बचें, क्‍योंकि उनमें सल्फेट्स और सोडियम क्लोराइड (नमक) की अधिक मात्रा पाई जाती है। इन तत्‍वों की मौजूदगी आपके बालों और स्कैल्प से प्राकृतिक तेल को खत्‍म कर देती है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बालों को माइल्‍ड शैंपू से धोएं।

2. क्लैरिफाइंग शैंपू का इस्‍तेमाल ना करें। यह प्री केराटिन ट्रीटमेंट के लिए बेहतरीन होते हैं, क्योंकि ये बालों के अवशेष को हटाते हैं। केराट‍िन ट्रीटमेंट के बाद इस तरह के शैंपू इस्‍तेमाल करने से बालों से केराटिन तेजी से निकलता है। इस वजह से आपका ट्रीटमेंट जल्‍द खराब हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि कम पीएच वाले शैंपू का उपयोग करें।

3. अगर आप चाहते हैं कि आपका ट्रीटमेंट लंबे वक्‍त तक टिका रहे, तो जरूरी है कि बालों को बार-बार ना धोएं। केराटिन ट्रीटमेंट परमानेंट नहीं होता, इसलिए बालों को एक नियमित अंतराल पर धोना जरूरी है। इससे ट्रीटमेंट लंबे समय तक टिका रहता है। आजकल ड्राई शैंपू का चलन भी काफी है, इनके बारे में भी एक्‍सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।

4. अपने बालों को ज्यादा न छुएं। बालों को बार-बार छूने से वह तैलीय हो जाते हैं और अगर बाल ऑयली हो जाते हैं, तो उन्‍हें धोने का मन करता है। उनमें ज्‍यादा चेंजेस की कोश‍िश भी ना करें। अपने बालों को सीधा रखें।

5.करीब 2 सप्ताह तक अपने बालों को स्टाइल न करें। पोनीटेल तो बिलकुल ना बनाएं। केराटिन ट्रीटमेंट उतने अधिक समय तक रहेगा, जितना आप अपने बालों को नीचे और सीधा रखेंगे।

6. कुछ और बातों का ध्‍यान रखने की भी जरूरत है।

    ट्रीटमेंट के पहले दो हफ्तों तक अपने बालों में हेयरबैंड ना लगाएं। इससे बाल उसी डिजाइन में आ जाएंगे और वह कुछ जगह पर घुंघराले भी हो सकते हैं।
    केराटिन पहले सप्ताह में लचीला होता है और इसे सेट होने में कुछ वक्‍त लगता है। इस दौरान आप अपने बालों को ज्‍यादा घुमाएंगे या हेयर स्‍टाइल देंगे, तो बालों पर असर पड़ सकता है।
    इसी तरह बालों पर चश्‍मा भी ना टागें। बालों में क्ल्पिस भी ना लगाएं। इससे बालों में ब्रेकेज की समस्‍या देखने को मिल सकती है।

7.अपने बालों को कानों के पीछे ना ले जाएं। इससे बालों में सिलवटें बन सकती हैं।

8. अगर आप जिम जाते हैं, तो केराटिन ट्रीटमेंट लेने के करीब दो हफ्ते बाद तक जिम जाना अवाइड करें, क्‍योंकि ज्‍यादा एक्‍सरसाइज से पसीना आता है और ऐसा हुआ तो बाल धोने की जरूरत महसूस होगी, जो शुरुआत में इस ट्रीटमेंट के लिए बिलकुल भी अच्‍छा नहीं है।

केराटिन बालों के उपचार के फायदे और नुकसान क्या हैं?

केराटिन ट्रीटमेंट के फायदे और नुकसान दोनों हैं। आइए इन्‍हें बारी-बारे जानते हैं।

फायदे

    केराटिन ट्रीटमेंट हर तहर के बालों के लिए उपयुक्‍त है। चाहे आपके बाल घुंघराले हों, उनमें पहले कलर किया गया हो, लहरदार हों या आर्टिफ‍िशियल रूप से सीधे हों, सभी पर केराटिन ट्रीटमेंट लिया जा सकता है।
    बालों को रिलेक्‍स कराने और स्‍ट्रेट करने जैसे ट्रीटमेंट की तरह केराटिन ट्रीटमेंट आपके बालों को परमानेंट नुकसान नहीं पहुंचाता है। आपके बाल दो या तीन महीने के बाद या उससे पहले जैसी स्थिति में आ सकते हैं और यह काफी हद तक आपकी डाइट और बालों की देखभाल पर निर्भर करता है।
    इस ट्रीटमेंट के बाद बालों को स्टाइल करना बहुत आसान हो जाता है। बालों में बहुत ज्‍यादा प्रोडक्‍ट लगाने की जरूरत नहीं होती है, जिससे उनके केमिकल से डैमेज होने का खतरा भी नहीं रहता।
    भले ही आपके बाल कितने भी उलझे हुए या घुंघराले क्यों न हों, इस ट्रीटमेंट के बाद बाल स्ट्रेट, स्मूथ और बेहतर दिखने लगते हैं।
    केराटिन ट्रीटमेंट के बाद बालों की देखभाल के लिए बहुत ज्‍यादा प्रोडक्‍ट्स की जरूरत नहीं पड़ती है। लुक को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए सिर्फ बिना सल्‍फेट वाला शैंपू चाहिए, जो आपको आसानी से मिल जाएगा।

नुकसान

    केराटिन बालों, दांतों और नाखूनों में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक केमिकल है। लेकिन ट्रीटमेंट के दौरान बालों पर लगाया जाने वाला केराटिन, कृत्रिम रूप से बनाया जाता है और इससे त्वचा और आंखों में जलन हो सकती है।
    केराटिन ट्रीटमेंट काफी महंगा है। हालांकि इसे अपनाने के बाद बालों की देखभाल का झंझट नहीं रहता, लेकिन ट्रीटमेंट महंगा होना कई लोगों के बजट से बाहर हो जाता है।
    यह कम समय तक प्रभावी है। यानी अगर आपको बाल हमेशा के लिए स्‍मूद और स्‍ट्रेट चाहिए, तो लगभग तीन महीने में यह ट्रीटमेंट दोबारा करवाना होगा। वरना आपके बाल अपनी नैचुरल मोड में आ जाएंगे।
    यह केमिकल वैसे तो सुरक्षित और प्रभावी है, लेकिन ट्रीटमेंट के लिए सेफ, अच्छे और अनुभवी स्टाइलिस्ट की आवश्यकता होती है। अगर स्‍टाइलिस्‍ट ने थोड़ी भी गड़़बड़ कर दी, तो ज्‍यादा केमिकल के बालों के संपर्क में आने से बाल क्षतिग्रस्‍त भी हो सकते हैं।
    गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने बालों का ट्रीटमेंट न करें, क्योंकि इससे उनके और उनके बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। केराटिन ट्रीटमेंट में फॉर्मलाडेहाइड होता है, यह केमिकल स्टाइलिस्टों के लिए भी स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा करता है।

 

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