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बिना मरम्मत किए छोड़ दी कोलार नगर, किसानोें के खेतों में हो रहा सीपेज

आधी-अधूरी तैयारी के बीच छोड़ा कोलार नहर में पानी, अब किसान हो रहे परेशान

रेहटी।  किसानों को खेतोें में पलेवा करने सहित आगामी गेहूं, चना की फसलों में पानी देने के लिए कोलार नहर 6 नवंबर कोे छोड़ी गई, लेकिन आधी-अधूरी तैैयारियोें के बीच छोड़ी गई नहर के कारण अब किसान ही परेशान हो रहे हैं। कई जगह तोे नहर पूरी तरह टूट-फूट चुकी है और उसकी मरम्मत का कार्य भी नहीं कराया गया। अब वहां सेे सीपेज होकर पानी किसानों के खेतोें में जा रहा है। इसके कारण वे वहां न तो फसल की बोवनी कर पाएंगेे औैर न ही उस जमीन का उपयोग हो पाएगा। इस स्थिति से किसान परेशान हैं औैर कोलार के जिम्मेदार उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
जानकारी केे अनुसार रेहटी, नसरूल्लागंज तहसील के किसानों कोे उनके खेतोें में पानी देने केे लिए कोलार डेम से पानी नहरों के माध्यम सेे उनके खेतोें में पहुंचाया जाता है। नहर के पानी से किसान गेहूं, चने की फसलों में पानी देने सहित पहले पलेवा करते हैं। बारिश के दौैरान बंद पड़ी रहने वाली नहरों में जहां जमकर कचरा हो जाता हैै तोे वहीं कई जगह से नहर में टूट-फूट भी हो जाती है। पानी छोड़ने से पहले नहरों की सफाई एवं मरम्मत के कार्य की जिम्मेदारी कोेलार परियोजना के जिम्मेदारोें की होती है, लेकिन इस बार जिम्मेेदारों ने बिना साफ-सफाई एवं मरम्मत कराए ही नहरों में पानी छोड़ दिया है। इसके कारण किसानों की फजीहत हो रही है।
तजपुरा उपनहर में हो रहा सीपेज-
कोलार नहर के अंतर्गत ग्राम चकल्दी सहित अन्य गांवों के किसानोें को पानी देेने के लिए तजपुरा उपनहर में भी पानी छोड़ा गया है, लेकिन इसमें जमकर सीपेज हो रहा है। दरअसल तजपुरा उपनहर की न तो सफाई कराई गई औैर न ही उसकी मरम्मत का कार्य कराया गया है। इसके कारण टूटी नहर में से पानी का सीपेज हो रहा हैै, जिसके कारण किसानोें की न तो वहां पर बोेवनी हो पाएगी औैर न ही वे उस जमीन का उपयोग कर पाएंगे। चकल्दी के किसान जुगल किशोर सिसौदिया, ओमप्रकाश सिसौदिया सहित अन्य किसानोें नेे बताया कि तजपुरा उपनहर पूरी तरह टूट-फूट रही है। उसकी न तोे मरम्मत कराई जा रही है औैर न ही उसकी साफ-सफाई होती है। ऐसी स्थिति में ही पानी छोड़ दिया गया है। इसके कारण उनकेे खेतों में जमकर सीपेज हो रहा है। इससे पहले भी नहर केे कारण उनकेे खेेतोें में खूब सीपेेज हुआ है और अब तक वे लाखों रूपए का नुकसान उठा चुके हैं। इसकी शिकायत भी हर स्तर पर की गई हैै, लेकिन अब तक उसका कोई निराकरण नहीं किया गया है। जुगल किशोर सिसौदिया ने बताया कि नहर के सीपेज के कारण हर साल उनकी जमीन का एक बड़ा हिस्सा उपयोग में ही नहीं होे पाता है। वे अब तक इसके कारण 10 लाख रूपए से ज्यादा का नुकसान उठा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने हर स्तर पर शिकायत भी की है।
नहीं उठाया फोन-
इस संबंध में चर्चा करने केे लिए कोलार परियोजना की कार्यपालन यंत्री हर्षा जैनवाल को उनकेे मोेबाइल नंबर पर कई बार फोन लगाया गया, लेकिन उन्होेंने फोन रिसीव नहीं किया।

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