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सीहोर की घटना से सबक, बोरवेल खुला छोड़ा तो होगी धारा 188 की कार्रवाई

- कलेक्टर प्रवीण सिंह ने निकाला आदेश, अवहेलना करने पर होगी एक माह की जेल, 200 रूपए जुर्माना

सीहोेर। जिले के मुंगावली में हुई ढाई साल की सृष्टि की बोरवेल की घटना सेे सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि यदि कोेई भी व्यक्ति, खेत मालिक, मकान मालिक या संस्था प्रमुख यदि बोेर कराने के बाद उसे खुला छोड़ता है तोे उस पर अब भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। धारा 188 केे तहत कार्रवाई होने पर एक माह की जेल एवं 200 रूपए का जुर्माना या दोनों की सजा होगी। इसके साथ ही कलेक्टर द्वारा एक मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर शिकायत करने पर शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी एवं संबंधित व्यक्ति तक तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
इस नंबर पर करेें शिकायत, होगी तुरंत कार्रवाई-
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियोें का उपयोग करते हुए आदेश जारी किया है कि बोेर खनन करते समय भूमि स्वामी एवं बोेर खननकर्ता किसी भी स्थिति में बोर का मुंह खुला नहीं छोड़ेंगेे। जिन बोरवेल में पानी नहीं है तथा जिन्हें उपयोग मेें नहीं लिया जा रहा है उन बोरवेल को खुला नहीं छोड़ें, साथ ही उन पर लोहेे का ढक्कन लगाएं या आसपास जाली लगाकर फेंसिंग करें। इसी तरह कलेक्टर द्वारा मोेबाइल नंबर 9303628757 जारी किया गया है। इस नंबर पर शिकायत करनेे पर शिकायतकर्ता की पहचान को गुप्त रखा जाएगा एवं बोरवेल को खुला छोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसकोे लेकर सभी तहसीलोें में भी निर्देेश दिए गए हैं कि बोरवेल खुला होने की सूचना पर तुरंत जाकर कार्रवाई की जाए।
आदेश होते हैैं, लेकिन नहीं दिखती सख्ती-
घटना होेने के बाद आदेश तोे हो जाते हैैं, लेकिन इन आदेशोें केे पालन करानेे में सख्ती नहीं दिखती। यही कारण है कि किसी में भी न तो प्रशासन एवं न ही कानून को लेकर डर है। जिला प्रशासन द्वारा खनन पर रोक लगानेे का आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन इसके बाद भी लगातार बोरवेल कराए जा रहे हैं। यदि प्रशासन सख्ती के साथ खेतोें में, घरों में जाकर जांच कराए तोे ऐेसे कई बोरवेल खुले में पड़े हुए मिलेंगे। हालांकि इस बार कलेक्टर द्वारा मौखिक निर्देेश भी राजस्व अमले कोे दिए गए हैं कि यदि इस तरह की लापरवाही की कोई भी सूचना मिलेे, मौैके पर जाकर तुुरंत कार्रवाई की जाए।
आपके घर-खेत पर कभी भी पहुंच सकती है टीम-
इस बार जिला प्रशासन भी इस घटना को लेकर सख्त नजर आ रहा है। घटना के बाद चले रेस्क्यू ऑपरेेशन के बाद भी सफलता नहीं मिलने से प्रशासन की सख्ती कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है। अब राजस्व अमले सहित जिला प्रशासन की टीम कभी भी खेत, घरों पर पहुुंचकर जांच कर सकती है। इसके लिए सभी किसान या जिन्होंने अपने घर, खेत में बोेर कराया है उसेे बंद करके ह

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