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चतुर्थ महाकाल की पालकी में दूल्हा बनकर निकले भगवान भोलेनाथ

आष्टा। श्रावण मास के चौथे सोमवार को भगवान शिव की पालकी गणेश मंदिर से प्रारंभ होकर प्राचीन शंकर मंदिर पार्वती तट पहुंची। यह जानकारी देते हुए हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष कालू भट्ट ने बताया की श्रावण मास के चौथे सोमवार को बाबा महाकाल अपने सभी भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए आष्टा नगर में भ्रमण पर निकले हैं। यहां पर पूरे शहर में भव्य रुप से बाबा की आगवानी पलक पावड़े बिछाकर की गई। विभिन्न संगठन, व्यापारीगण और शहर के युवा साथीगण हजारों की संख्या में पालकी के साथ शामिल हुए। भगवान भोलेनाथ की पालकी में तुलसी मानस मंडल की टीम द्वारा भगवान भोलेनाथ के भजनों की जोरदार प्रस्तुतियां दी गई। भजनों पर श्रद्धालु नाचते हुए चले। पालकी का जगह-जगह आरती पूजन किया गया। भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ को नारियल एवं फलों, मिठाइयों का भोग अर्पण किया गया। महाकाल की सवारी की तरह यहां भी भगवान भोलेनाथ की पालकी की भव्य सुंदर छवि देखने को मिली। भगवान भोलेनाथ मनभावन रूप में नजर आ रहे थे। आज बड़ी संख्या में भक्तजन, श्रद्धालुजन पालकी में शामिल हुए। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष भविष्य कालू भट ने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।

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