
भोपाल। दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की ओर से मध्य भारत में पहली बार मेगा एससी-एसटी बिजनेस कॉन्क्लेव एंड एक्सपो का आयोजन बुधवार को रवींद्र भवन में होगा। डिक्की यह कॉन्क्लेव मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के साथ मिलकर आयोजित कर रहा है। इस दौरान डिक्की और मप्र सरकार के बीच एक एमओयू भी साइन होगा। कॉन्क्लेव में 26 बड़े उद्यमी और देशभर के 2000 से अधिक एससी-एसटी कारोबारी और स्टार्टअप शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री, राज्य के मंत्रीगण, भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारी, विशेषज्ञ, सीआईआई और फिक्की से जुड़े बड़े उद्योगपति के विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान देश के प्रख्यात एससी-एसटी कारोबारियों और उद्यमियों के साथ राउंडटेबल बैठक कर उनसे चर्चा करेंगे।
डिक्की मध्यप्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. अनिल सिरवैया ने बताया कि बिजनेस कॉन्क्लेव के अलग-अलग 7 सत्रों में बुधवार को दिनभर उद्यमियों की सक्सेस स्टोरी, मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्टअप नीति और स्वरोजगार के अवसर, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर, भावी पीढ़ी के रोजगार के लिए मौके, स्वास्थ्य की देखभाल और सामाजिक समानता जैसे विषयों पर चर्चा होगी। इस कॉन्क्लेव में देशभर के 2000 से अधिक एससी-एसटी कारोबारी, उद्यमी और स्टार्टअप शिरकत करेंगे। कॉन्क्लेव में उद्यमियों की सफलता की कहानी पर आधारित प्रदर्शनी इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण है।
डॉ. अनिल सिरवैया ने बताया कि इसके अलावा राज्य की एमएसएमई एवं स्टार्टअप नीति, स्व-रोजगार योजनाओं, कृषि और फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन पालन, डेयरी और लाइवस्टॉक मैनेजमेंट, मध्यप्रदेश से निर्यात के अवसर, हेल्थ केयर क्षेत्र की संभावनाओं, सोशल इन्क्लूजन और अफरमेटिव एक्शन जैसे विषयों चर्चा होंगी। देश के प्रख्यात एससी-एसटी उद्योगपति और उद्यमी मध्यप्रदेश के उद्यमियों और युवाओं को बिजनेस लीडरशिप के टिप्स देंगे। कॉन्क्लेव का उद्देश्य प्रदेश में एससी-एसटी उद्यमियों और युवाओं के लिए एक इकोसिस्टम तैयार है, ताकि वे सुगमता पूर्वक उद्यमिता के क्षेत्र में आ सकें। एससी-एसटी उद्यमियों की यूनिट को राज्य के बड़े उद्योगों के साथ एंकर यूनिट के रूप में विकसित करना है।
प्रदेश के ये मंत्री और सांसद होंगे शामिल-
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा बिजनेस कॉन्क्लेव के पहले सत्र में राजवर्धन सिंह (उद्योग मंत्री मप्र सरकार), दूसरे सत्र में ओम प्रकाश सकलेचा (एमएसएमई मंत्री मप्र सरकार), तीसरे सत्र में फग्गन सिंह कुलस्ते (केंद्रीय राज्य मंत्री स्टील एवं ग्रामीण विकास) और चौथे सत्र में सुमित्रा वाल्मीकि (सांसद, मध्यप्रदेश) शामिल होंगी।
कॉन्क्लेव में शामिल होंगे 26 बड़े उद्योगपति-
पद्मश्री मिलिंद कांबले (लातूर), पद्मश्री रवि कुमार नर्रा (हैदराबाद), संजीव दांगी (दिल्ली), डॉ. राजा नायक (बेंगलुरु), रतिलाल भाई मकवाना (अहमदाबाद), किशोर खरात, सतीश भाई परमार (अहमदाबाद), संतोष कांबले (मुंबई), सीमा मिलिंद कांबले, सुंदराजन नल्लाथंबी (पुडुचेरी), अविनाश एन. जगताप (पुणे), मुकुंद कमलाकर (पुणे), मुनमुन विश्वास, तिलक राज खिंदर (जालंधर), अशोक चौहान (जोधपुर), धनिका नायक यू. (बेंगलुरु), फकीरचंद मोघा (मुजफ्फरनगर), दसारी अरुणा (हैदराबाद), आयुषी, संतोष देवीदास खवले (मुंबई), राजेंद्र कुमार, मनोज कुमार, आदित्य ऋत्विक नर्रा, मैत्रेयी कांबले (पुणे), कमलकिशोर (कानपुर), सुरेश रामावत।
महत्वपूर्ण तथ्य :
1. मध्य प्रदेश में 38% आबादी के साथ एससी-एससटी वर्ग की बड़ी उपस्थिति है। राज्य की अर्थव्यस्था में इन वर्गों की भागीदारी बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के प्रयास उल्लेखनीय है।
2. इन प्रयासों के अनुरूप राज्य में एससी–एसटी वर्ग में उद्यमिता विकास और रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए एक विशेष प्रोत्साहन नीति की आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में अनेक राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस के आधार पर डिक्की द्वारा एक विशेष नीति क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत है।
2005 में रखी गई थी डिक्की की नींव-
बता दें कि दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की स्थापना 2005 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवाओं और उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के लिए की गई थी। जिससे वे दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम हो सकें।
बता दें कि दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) की स्थापना 2005 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के युवाओं और उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के लिए की गई थी। जिससे वे दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम हो सकें।