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पंचायत सचिव एवं सहायक सचिवों की समस्या के निवारण को लेकर प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

सीहोर। कलेक्ट्रेट में प्रदेशव्यापी आह्वान के पश्चात पंचायत सचिव एवं सहायक सचिवों की समस्या के निवारण को लेकर प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह राजपूत के नेतृत्व में जिलेभर से आए सचिव और सहायक सचिवों के द्वारा जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया है।
मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के जिलाध्यक्ष विजय त्यागी एवं सहायक सचिव संगठन के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह ठाकुर सहित अन्य ने बताया कि जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में पंचायत सचिव एवं सहायक सचिव द्वारा ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं के सफल संचालन हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत सचिव एवं सहायक सचिव द्वारा पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ कार्यों का संचालन किया जाता है परंतु विगत कुछ वर्षों से पंचायत सचिव एवं सहायक सचिव से शासन द्वारा अन्य विभाग से संचालित प्रत्येक योजनाओं में भी कार्य कराए जा रहे है जिससे ग्राम पंचायत के हितग्राही मुलक एवं अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होता है तथा हमारे बिभाग से संबंधित मूल कार्यों की प्रगति न्यून हो रही है जिससे वरिष्ठ कार्यालय द्वारा नाराजगी जाहिर करते हुए कारण बताओ सूचना पत्र एवं वेतन से कटोत्री की जाती है। वर्तमान में शासन के निर्देशानुसार भूअभिलेख की ई-केवायसी पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायकों से कराई जा रही है, भू अभिलेख की ई-केवायसी का कार्य सम्बंधित बिभाग के कर्मचारियों से कराया जावे उक्त कार्य कार्य से हमें मुक्त रखा जिससे की पंचायत एवं ग्रामीण बिकास की अनेको योजनाओ को समय पर शासन की मंशा अनुसार संचालित किया जा सके। वहीं शासकीय अवकाश के दिन हमे ई-केवायसी एवं अन्य कार्यों से मुक्त रखा जावे। इसके अलावा अन्य विभागों के कार्य संबंधित विभाग के कर्मचारियों से ही कराया जाए एवं पंचायत विभाग के कर्मचारियों से सहयोग लिया जावे। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत एवं मांग को अलग रखा जाए सीएम हेल्पलाइन में हितग्राही द्वारा किसी योजना अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए सीएम हेल्पलाइन लगाई जाती है जबकि योजना अंतर्गत लाभ शासन के नियम अनुसार लक्ष्य या आवंटन प्राप्त होने पर दिया जा सकता हैं उसके बावजूद भी वरिष्ठ कार्यालय द्वारा हम पर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बंद कराने हेतु वेतन कटोत्री की कार्यवाही जाती हैं। कई बार सीएम हेल्पलाइन अंतर्गत शिकायत बंद करने के लिए हमें हितग्राही द्वारा ब्लैकमेल एवं अपमानित तक होना पड़ता हैं। सीएम हेल्पलाइन अंतर्गत शिकायत एवं मांग को अलग-अलग रखा जाकर मांग आधारित शिकायतों का परीक्षण करवाकर समय से फोर्स क्लोज करने की कार्रवाई की जाए, सही शिकायत पाए पर विधिवत कार्यवाही की जावे। इसके अलावा इतने अधिक मानसिक दबाव में शासन की समस्त योजनाओं का क्रियान्वन हम छोटे से कर्मचारियों द्वारा किया जाना संभव नहीं है। आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु ग्राम रोजगार सहायक एवं आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं हुआ हैं उक्त भुगतान भी कराने की कृपा करें। अंशदाई पेंशन के आदेश लगभग 11 वर्ष पूर्व जारी होने के बाद भी जिले के पंचायत सचिव आज भी अंशदाई पेंशन से वंचित है, पंचायत एवं ग्रामीण विकास बिभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी आदेश क्रमांक/आर-983/13/22 पं1, एफ-2/7/2013/22/1 दिनांक 20-07-2013 द्वारा जारी अंशदायी पेंशन के आदेश जारी किये गए थे जिसकी छाया प्रति संलग्न है आदेश दिनांक से लगभग 11 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी अंशदायी का कटोत्रा नहीं होने हम पंचायत सचिवों का भविष्य अंधकार मय है अंशदायी पेंशन का कटोत्रा करने हेतु जिले के समस्त जनपद पंचायतो को निर्देश देने का कष्ट करें! आदेश का पालन किया जा कर कार्यवाही की जावे, जिससे कि प्रदेश के पंचायत सचिवों को अंशदाई पेंशनयोजना का लाभ मिल सके। मनरेगा मांग आधारित योजना होने के उपरांत लेबर नियोजन को लेकर अनावश्यक दबाब बनाने बाबत जिला सम्पन्ता वाले जिले की श्रेणी में आने के कारण यहाँ रोजगार की मांग मनरेगा योजना में कम है, मनरेगा योजना में 247 रूपये प्रतिदिन मजदूरी का भुगतान होता है, वह भी बैंक के माध्यम से, जबकि बाहर मजदूरी करने पर मजदूरों 400 से 500 रूपये प्रतिदिन मजदूरी मिल जाती है, इसलिए मजदूरों का रुझान इस योजना में काम करने को लेकर कम है विगत वर्षों में जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य अधिक होने के कारण प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियो द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेते हुए मजदूरी का कार्य किया था, सुदूर सड़क के कार्यों में किसानो ने स्वयं के खेत पर पहुंचमार्ग बनबाने में रोड़ पर मजदूरी की थी, जिस कारण विगत वर्षों में लेबर नियोजन अधिक रहा है, वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य नहीं आने के कारण तथा सुदूर सड़क के कार्य प्रगतिरत नहीं है इस कारण लेबर नियोजन कम है। वर्तमान में सेवानिवृत्त होने वाले पंचायत सचिवों को लालपरेड ग्राउंड पर पंचायत सचिवों की महापंचायत में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा सेवानिवृत्त होने वाले पंचायतसचिवों 03 लाख रूपये सम्मान निधि की गयी घोषणा की गयी थी घोषणा के लाभ से भी जिले के सेवानिवृत पंचायत सचिव वंचित है। सेवानिवृत्त पंचायत सचिवों को 03 लाख रूपये सम्मान निधि प्रदान की जाए जिससे कि वह अपने परिजनों के साथ सेवानिवृत्ति के पश्चात सम्मान का जीवन व्यतीत कर सके।

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