बंदियों के लिए ‘न्यायोत्सव’: जेल में शुरू हुई मध्यस्थता की नई पहल

सीहोर। जिले मेंं न्याय की पहुंच को त्वरित और सुलभ बनाने के उद्देश्य से न्यायोत्सव विधिक सेवा सप्ताह के तहत एक नई पहल शुरू की गई है। प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र आर्य के निर्देशानुसार जिला जेल में आयोजित कार्यशाला सह विधिक जागरूकता शिविर में जेल मध्यस्थता का श्रीगणेश किया गया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य जेल में निरूद्ध बंदियों के सिविल और राजीनामा योग्य प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण करना है। शिविर में सचिव स्वप्नश्री सिंह ने चिन्हित प्रकरणों में बंदियों के साथ-साथ दूसरे पक्ष को ऑनलाइन माध्यम से जोडक़र मध्यस्थता के जरिए मामलों को सुलझाने का प्रयास किया।
कार्यशाला का आयोजन बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों, नि:शुल्क विधिक सहायता और पुनर्वास प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करने के लिए किया गया था। इस दौरान बंदियों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण किया गया और उन्हें उनके प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया।
दक्षता निर्माण पर भी जोर
विधिक जागरूकता के साथ ही बंदियों के मानसिक और कौशल विकास पर भी ध्यान दिया गया। शिविर में एक मेडिटेशन सत्र और नशा मुक्ति थीम पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके अलावा एक एनजीओ के माध्यम से बंदियों को एलईडी बल्ब निर्माण का प्रशिक्षण भी दिलाया गया, ताकि वे जेल से बाहर निकलकर पुनर्वास के बाद सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी जीशान खान, जेल अधीक्षक प्रतिभा पटेल सहित लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स और पैरालीगल वॉलेंटियर्स उपस्थित रहे।



