कृषि-किसानों को लेकर अफसरों ने की बैठक, अन्नदाता कर रहे मुआवजे एवं उचित मूल्य की मांग
सीहोर जिले के कई हिस्सों में बारिश से सोयाबीन की फसल हुई नष्ट, अब मक्का पर भी खतरा
सीहोर। कृषि कार्य के लिए आ रही समस्याओं एवं किसानों को समय पर खाद, बीज उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर सहित कृषि विभाग के अधिकारी बैठक कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर किसान अपनी खराब हो चुकी फसलों के मुआवजे सहित सोयाबीन, धान, मक्का सहित अन्य फसलों के उचित मूल्य की मांग कर रहे हैं। इधर लगातार हो रही बारिश भी किसानों के लिए संकट बन गई है। बारिश के चलते जहां किसान अपने खेतों में आई हुई फसल को नहीं निकाल पा रहे हैं तो वहीं उनकी बाहर पड़ी हुई फसल भी बारिश के चलते खराब हो गई है। सीहोर जिले के कई हिस्सों में सोयाबीन की फसल बारिश के कारण पूरी तरह से खराब हो चुकी है तो वहीं अब मक्का सहित अन्य फसलों पर भी खतरा मंडराने लगा है। लगातार बारिश से अब किसान बेहाल हैं तो वहीं उनकी खराब हो रही फसल से वे कर्जे में भी फंस गए हैं। किसानों ने खराब सोयाबीन को लेकर धरना, प्रदर्शन भी किया, लेकिन अब तक उनकी फसलों का सर्वे भी नहीं हो पाया है। ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है।
सोयाबीन, मक्का की फीकी होगी चमक –
पिछले दिनों कुछ किसानों ने सोयाबीन एवं मक्का की फसल को निकाला, लेकिन अब बारिश के कारण उनकी फसल की चमक भी फीकी होने का खतरा है। लगातार बारिश के चलते किसान सोयाबीन, मक्का को सुखा नहीं पा रहे हैं, इसके कारण उनकी फसल कम भाव में बिकेगी। अब किसान भगवान इंद्रदेव से भी गुहार लगा रहे हैं कि अब वे बारिश को बंद कर दें। किसानों ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य 6000 रूपए प्रति क्विंटल करने की भी मांग की है, लेकिन अब तक उनकी इस मांग पर अमल नहीं हो सका है।
खेत बनाने में भी आएगी परेशानियां –
किसानों का कहना है कि अभी कई किसानों की फसलें खेतों में ही लगी है तो वहीं कुछ किसानों ने फसलों को निकाल भी लिया है। बारिश के कारण जहां वे फसलों को नहीं निकाल पा रहे हैं तो वहीं उनकी आगामी तैयारियों में भी देरी होगी। बारिश के कारण खेतों को बनाने में भी परेशानियां आएंगी एवं समय पर खेत नहीं बनने से आगामी बोवनी पर भी इसका असर पड़ेगा।
कटी फसल में किसान ने लगाई आग –
बारिश के कारण खेतों में कटी फसल जब खराब हो गई तो किसान अब उसमें आग लगाकर अपना खेत साफ कर रहे हैं। बिलकिसगंज में किसान ने अपनी 35 एकड़ भूमि का सोयाबीन कटवाया, जिसमें 400 रूपए से लेकर 500 तक प्रतिदिन मजदूरी दी, लेकिन अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की फसल खेतों में कटी हुई गलकर खराब हो गई। मजबूरी में दुखी होकर खेतों में कटी पड़ी फसल में किसान अब आग लगा रहे हैं। किसान मुंशीलाल मेवाड़ा का कहना है कि इस बार इतनी बरसात हुई कि पहले तो इल्ली लगने से फसल खराब हो गई। इसके बाद अधिक बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे कटी हुई सोयाबीन खराब हो गई। अब कटी हुई सोयाबीन को खेत में पटककर क्या करेंगे, इससे अच्छा तो उसको जलाकर खेत साफ करें और अगली फसल की बोवनी की तैयारी करें। हर साल बैंक द्वारा बीमा काटा जाता है, लेकिन अब हमारी फसल का बीमा नहीं मिल रहा है। खराब हो चुकी फसल का सर्वे कराने एवं उचित मुआवजे की मांग को लेकर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार सहित मुख्य सचिव को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक हमारे खेतों में राजस्व विभाग का अमला नहीं पहुंच सका है।
इधर कलेक्टर ने जिले में कृषि उत्पादन एवं खाद, बीज की समीक्षा की –
कलेक्टर प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला तकनीकी समूह की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने जिले में रबी, खरीफ, उद्यानिकी, मत्स्य सहित विविध फसलों के उत्पादन की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने जिले के किसानों के लिए खाद, बीज की उपलब्धता की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर प्रवीण सिंह ने रबी सीजन में किसानों के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त खाद बीज के भंडारण के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में प्राप्त हो रहे खाद की गुणवत्ता एवं मूल्यों पर उचित नियंत्रण रखा जाए। बोनी के लिए लगने वाले फास्फेटिक खादों की पूर्ति समय पर सुनिश्चित की जाए। सहकारी समितियों अपने स्तर पर वसूली एवं खाद वितरण की योजना बनाकर कार्य करें। बैठक में कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में फसलों का रकबा, उत्पादन तथा वर्तमान में फसलों के प्रचलित मूल्यों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बैठक में जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीएन यादव, डीडीए केके पाण्डे, डीआसीएस सुधीर कैथवास, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक तथा जिले के किसान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।