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पितृमोक्ष अमावस्या: आंवलीघाट पर उमड़ा भक्तों का सैलाब, कलेक्टर-एसपी सहित अफसरों ने किया रतजगा

सुरक्षा के साये में कराया गया भक्तों को स्नान, मुस्तैद रही जिला एवं पुलिस प्रशासन की टीम

सुमित शर्मा, सीहोेर-रेहटी
9425665690
पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या पर सीहोर जिले के आंवलीघाट नर्मदा तट पर भक्तों, श्रद्धालुओें का सैैलाब उमड़ पड़ा। एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओें के आने का क्रम शुरू हुआ, जो रातभर चलता रहा। इस दौरान सुरक्षा को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन का अमला भी सक्रिय रहा। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, सीईओ जिला पंचायत हर्ष सिंह, एसडीएम बुधनी राधेश्याम बघेल, एएसपी गीतेश गर्ग, रेहटी तहसीलदार केएल तिलवारी, बुदनी तहसीलदार आशुतोष शर्मा, एसडीओपी बुदनी शशांक गुर्जर, नायब तहसीलदार रेहटी जयपाल शाह उइकेे, रेहटी थाना प्रभारी अरविंद कुमरे, रेहटी नगर परिषद सीएमओ वैभव देशमुख सहित राजस्व विभाग के आरआई, पटवारी सहित बुदनी, रेहटी का अन्य अमला भी रतजगा करता रहा। कलेक्टर-एसपी सहित अन्य अधिकारी रातभर जागकर लोगों की सुरक्षा में तैनात रहे। पल-पल की जानकारी लेतेे रहे, ताकि किसी प्रकार की कोई घटना-दुर्घटना न हो। नर्मदा में जलस्तर अधिक होेने के कारण पुलिस, राजस्व अमला, गोताखोरोंसहित होमगार्ड जवानों की सुरक्षा के बीच में लोगों कोे नर्मदा में स्नान कराया गया। इससे एक दिन पहले भी अधिकारियोें ने आंवलीघाट पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था एवं जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे।
नवरात्रि से पहले पड़ने वाली पितृमोक्ष अमावस्या (भूतड़ी अमावस्या) को लेकर प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की थी। सीहोर जिले के आंवलीघाट सहित अन्य नर्मदा तटों पर इसके लिए पुलिस फोर्स के साथ ही गोताखोर, होमगार्ड जवानों की भी तैनाती की गई। आंवलीघाट पहुंचने वाली सड़कोें पर जाम न लगे, इसके लिए मार्गों कोे भी वनवे किया गया है, ताकि आने-जाने वाले लोग बिना जाम में फंसेे अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। लगातार बारिश के कारण नर्मदा नदी में भी ज्यादा पानी है। इसके लिए आंवलीघाट तट स्थित नर्मदा नदी में 10 फिट पर बैरीकेटिंग कर दी गई है, ताकि कोेई भी इससे आगे न जा पाएं। श्रद्धालुओें को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस के 400 जवानोें को अलग-अलग तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की कोेई घटना-दुर्घटना न हो।
पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या का पौराणिक महत्व-
नवरात्रि से पहले आने वाली अमावस्या को पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या कहते हैं। इस अमावस्या पर सबसे ज्यादा भीड़ सीहोर जिले के आंवलीघाट स्थित नर्मदा तट पर होती है। दरअसल इस तट का पौराणिक महत्व भी बताया जाता है। पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु-भक्त दूर-दूर से आंवलीघाट तट तक पहुंचते हैं। यहां से स्नान करने के बाद लोग मां बिजासन धाम सलकनपुर भी पहुंचकर मातारानी के दर्शन करते हैं। भूतड़ी अमावस्या पर जिन लोगोें कोे बाहरी बाधाएं या इस प्रकार की कोई परेशानियां होेती हैैं तोे वेे नर्मदा स्नान करने के लिए आंवलीघाट पहुंचते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को कोई देवता या देवी आते हैैं वे भी यहां पर स्नान करके अपने सभी वस्त्रों को बदलतेे हैं एवं नए वस्त्र धारण करतेे हैं। आंवलीघाट पर यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। आज भी यहां पर यह सब कुछ होता है।
सलकनपुर से आंवलीघाट वन-वे-
पितृमोक्ष (भूतड़ी) अमावस्या पर श्रद्धालु-भक्तों की सुविधा को लेकर इस बार पुलिस ने सलकनपुर से आंवलीघाट मार्ग को वन-वे कर दिया। जो लोग सलकनपुर से आवंलीघाट पहुंचे उन्हें यदि आंवलीघाट से बुदनी जाना है तोे श्रद्धालुओें कोे नीलकछार वाले मार्ग से जाना पड़ेगा औैर यदि उन्हें आंवलीघाट से रेहटी-नसरूल्लागंज जाना है तो मरदानपुर जोड़ से होते हुए रेहटी आना होगा।
पार्किंग के लिए बनाए पांच सेक्टर-
पुलिस द्वारा वाहनों केे लिए इस बार पार्किंग के पांच अलग-अलग सेक्टर बनाए हैं, ताकि लोगों को परेशानियां न आएं और जाम जैसी स्थिति न बनें। इसके लिए आंवलीघाट मेें नीलकछार रोड, आंवलीघाट के पास, पुल के पास भी पार्किंग बनाई गई है। सभी पार्किंगों के लिए अलग-अलग प्रभारी भी बनाए गए हैं। इसके अलावा लोगोें की सुरक्षा के दृष्टिगत जगह-जगह सीसीटीव्ही कैमरे भी लगाए गए हैैं, ताकि हर व्यक्ति पर नजर भी रखी जा सके।
गांजिद घाट को किया प्रतिबंधित-
आंवलीघाट नर्मदा तट के समीप स्थित गांजिद घाट कोे इस बार स्नान के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल गांजिद घाट पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसके लिए इस बार गांजिद घाट कोे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल इस बार नर्मदा नदी में पानी ज्यादा है। इसकेे लिए पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। इसके लिए इस बार सख्ती के साथ निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा सीहोर जिले के अन्य नर्मदा तटोें पर भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवानोें को तैैनात किया गया है। इसके अलावा गोताखोरोें एवं होमगार्ड जवानोें कोे भी नर्मदा घाटों पर लगाया गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर वे वहां उपलब्ध रह सकें।
आंवलीघाट पर रात में लगा भूतोें का मेला-
पितृमोेक्ष अमावस्या से एक रात पहले आंवलीघाट पर भूतों का मेला भी लगता है। इसकोे भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन रात को यहां पर जिन लोगोें कोे भूत-पलीत की शिकायत रहती है उन्हें यहां पर लाया जाता हैै एवं नर्मदा मेें स्नान कराया जाता है। यह भूतोें का मेला वर्षों से लगता आ रहा है। शनिवार को भी देर रात यहां पर भूतों का मेला लगा। कई लोगोें ने यह नजारा अपनेे सामने देखा तो कई लोग इससे डरते भी नजर आए। कहा जाता है कि जिन लोगों कोे भूत-पलीत एवं बाहरी बाधाओें की शिकायत होती है वे यहां पर स्नान करने केे लिए आते हैैं और उससे मुक्त भी होते हैं।
फैक्ट फाइल-
– 400 पुलिस जवानोें की फोर्स
– 20 गोताखोर नर्मदा घाट पर तैनात
– 5 होमगार्ड की वोट्स
– 100 होमगार्ड के जवान

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