भैरूंदा। अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहने वाला शासकीय महाविद्यालय भैरूंदा इस बार भी अपनी घटिया कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियां बंटोर रहा है। इस बार यहां पर प्रोफेसरों के बीच में नुराकुश्ती का खेल चल रहा है और इसका खामियाजा यहां के छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। यहां की प्राचार्या डॉ. फातिमा खान की निष्क्रियता के चलते वे कॉलेज के प्रबंधन में भी फिसड्डी साबित हो रही हैं। ऐसे में अब यहां के विद्यार्थियों ने परेशान होकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
एसडीएम ने दी प्राचार्य एवं कॉलेज स्टाफ को समझाईश –
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. फातिमा खान की निष्क्रियता एवं प्रोफेसर एसएस मीना व डॉ. बलवीर राठौर की नुराकुश्ती के कारण अब खेलकूद सामग्री की राशि अधर में लटकी हुई है। इसको लेकर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी को ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें उन्होंने कॉलेज की वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। इसके बाद एसडीएम भैरूंदा मदन सिंह रघुवंशी खुद कॉलेज पहुंचे एवं उन्होंने यहां पर प्रिंसिपल एवं प्रोफेसरों को हिदायत देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नियमों के अनुसार खेल सामग्री की व्यवस्था की जाए, जिससे कि छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
छात्र-छात्राएं पैसे जुटाकर ले रहे हैं खेल सामग्री –
महाविद्यालय के खेल गतिविधियों में शामिल छात्र-छात्राओं द्वारा बताया गया की कॉलेज के प्रोफेसर एसएस मीना व डॉ. बलवीर राठौर ने उच्च शिक्षा विभाग से खेल सामग्री के लिए फंड आया है उसे रिलीज करने के लिए मना कर दिया गया है। इनकी आपसी खींचतान के चलते ऐसी स्थिति बनी है। जब इसकी शिकायत प्रिंसिपल डॉ. फातिमा खान से की गई तो उन्होंने कहा कि यदि उक्त फंड 30 सितंबर तक रिलीज नहीं हो पाया तो यह लेप्स हो जाएगा और इसका खामियाजा हम छात्रों को भुगतना पड़ेगा और हमारी साल भर की मेहनत खराब हो जाएगी। छात्रों ने यह भी बताया कि हमें जिला स्तरीय या राज्य स्तरीय खेलने के लिए सामग्री नहीं होने के कारण आपस में पैसे जुटाकर सामग्री खरीदनी पड़ रही है।
बैठक में पेपर फाड़े –
महाविद्यालय के खेल शिक्षिका आकांक्षा उज्जैनिया का कहना है कि बैठक में फंड को रिलीज करने की बात कही गई तो इन लोगों द्वारा साइन करने से मना कर दिया गया और डॉक्यूमेंट फाड़कर फेंक दिए गए। खेल शिक्षिका आकांक्षा उज्जैनिया का कहना है प्रोफेसर एसएस मीना व डॉ. बलवीर राठौर द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डाली जाती है।
कॉलेज आते हैं, अंगूठा लगाकर चले जाते हैं-
महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि कॉलेज की प्राचार्या डॉ. फातिमा खान भोपाल से आना-जाना करती हैं। वे खुद ही कभी समय पर नहीं आती हैं। अब तो यहां के प्रोफेसर, अतिथि शिक्षक सहित अन्य स्टॉफ का भी यही रवैया है। कोई भी समय पर नहीं आता है। कई प्रोफेसर कॉलेज आकर अंगूठा लगाकर चले जाते हैं। इसके कारण ज्यादातर समय कॉलेज की कक्षाएं ही नहीं लगती हैं एवं छात्र-छात्राएं भी इधर-उधर घूमते रहते हैं।
प्राचार्य बोलीं, नहीं पता था फंड आया है-
इस संबंध में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. फातिमा खान से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आए फंड को रिलीज क्यों नहीं किया गया उसकी जानकारी बाद में पता चला। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा खेलकूद सामग्री के लिए कब फंड दिया गया यह भी नहीं पता चला। इसके बाद इस फंड को रिलीज करने के लिए बैठक रखी गई, लेकिन प्रोफेसर एसएस मीना एवं डॉ. बलवीर राठौर द्वारा साइन करने से मना कर दिया गया। उनका कहना था कि आपका रिटायरमेंट होने वाला है आपके रिटायरमेंट के बाद नए प्राचार्य के आने पर इस फंड को रिलीज किया जाएगा।