नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अगले महीने भारत में होने वाली जी—20 बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। यूक्रेन के साथ युद्ध में शामिल होने के बाद से पुतिन सार्वजनिक वैश्विक सम्मेलनों में हिस्सेदारी लेने से बच रहे हैं। रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इसकी पुष्टि की है। पुतिन की जगह फॉरेन मिनिस्टर सर्गेई लावरोव नई दिल्ली आएंगे। बैठक 9 और 10 सितंबर को होगी।
इंटरनेशनल कोर्ट जारी कर चुका है वारंट
यूक्रेन पर हमले और युद्ध अपराधों की वजह से रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) वॉरंट जारी कर चुका है। यही वजह थी कि वे हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में 22 से 24 अगस्त तक संपन्न हुई ब्रिक्स की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। उनकी जगह फॉरेन मिनिस्टर लावरोव ने ही शिरकत की थी। पुतिन के शामिल होने को लेकर मेजबान दक्षिण अफ्रीका पशोपेश में था। पुतिन अगर जोहान्सबर्ग आते तो उनकी गिरफ्तारी का खतरा था। इंटरनेशनल कोर्ट को लेकर तमाम देशों के बीच समझौता है। रूस की तरफ से भले ही आधिकारिक रूप से वजह का जिक्र न किया गया हो, लेकिन पुतिन के नई दिल्ली न आने की वजह भी यही है।
आखिर बार 2019 में हुए शामिल
पुतिन ने आखिरी बार 2019 में जापान के ओसाका में हुई जी—20 बैठक में शामिल हुए थे। इसके बाद 2020 में रियाद और 2021 में रोम में हुई बैठक में सीधे शामिल न होते हुए वर्चुअली मौजूदगी दर्ज कराई। 2022 में बाली में हुई समिट में भी वे मौजूद नहीं थे।
क्या हैं आरोप
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इसी साल मार्च में पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन पर हमले के दौरान गैरकानूनी तौर पर यूक्रेनी बच्चों को रूस डिपोर्ट किया। इधर रूस का दावा है कि वो ICC का मेंबर ही नहीं है तो फिर पुतिन के खिलाफ वॉरंट भी गैरकानूनी माना जाएगा।