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सेवानिवृत्ति जीवन का नहीं, बल्कि नए अध्याय का आरंभ है: कलेक्टर

सीहोर। कलेक्टर बालागुरू के. ने कहा कि शासकीय सेवा से सेवानिवृत्ति का अर्थ जीवन से सेवानिवृत्ति नहीं है। उन्होंने इसे सक्रिय जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत बताया, जिसमें व्यक्ति अपने अनुभवों और ज्ञान का उपयोग समाज और नई पीढ़ी के हित में कर सकते हैं।
यह बात कलेक्टर बालागुरू के. ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को पीपीओ (पेंशन पेमेंट ऑर्डर) वितरण एवं सम्मान समारोह के दौरान कही। कलेक्टर ने सम्मान समारोह में विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त हुए 42 शासकीय सेवकों का साल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया और उन्हें पीपीओ प्रदान किए। कलेक्टर ने सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशासन की अमूल्य पूंजी बताया। उन्होंने कहा कि उनका अनुभव प्रशासन और समाज दोनों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद भी व्यक्ति सामाजिक कार्यए पर्यावरण संरक्षणए जनजागरूकता और सेवा कार्यों में सक्रिय रह सकता है।
कर्म ही जीवन का सार
कलेक्टर ने गीता का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें कर्म करते रहना चाहिए, क्योंकि कर्म ही जीवन का सार है। उन्होंने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके दीर्घ, सफल और अनुकरणीय सेवाकाल के लिए शुभकामनाएं दीं और उनसे समाज हित के कार्यों में सक्रिय बने रहने का आग्रह किया। इस अवसर पर जिला कोषालय अधिकारी नेहा सिंघई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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