सीहोर। सीहोर जिले का परिवहन विभाग अमला गहरी नींद में है। आरटीओ द्वारा न तो वाहनों की चैकिंग की जा रही है और न ही कंडम वाहनों को सड़कों से हटवाया जा रहा है। यही कारण है कि अब न्यायाधीशों को सड़क पर उतरकर वाहनों की चैकिंग करनी पड़ी एवं चालानी कार्रवाई करवानी पड़ी। दरअसल प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीशचंद्र शर्मा के निर्देशानुसार मोबाइल कोर्ट द्वारा इंदौर-भोपाल हाईवे के क्रिसेंट चौराहे पर वाहनों की औचक चैकिंग कर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर चालानी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में वाहन चालकों के 52 चालान काटे गए एवं 35 हजार 600 रूपए की जुर्माना राशि वसूल की गई।
जिला कोर्ट की रजिस्ट्रार एवं वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्नश्री सिंह ने बताया कि चैकिंग के दौरान कलेक्टर का वाहन निकला तो उसकी भी जांच की गई, लेकिन वाहन में ड्राइवर ड्रेस में पाया गया और वाहनों के सभी कागजात भी सही पाए गए। उन्होंने बताया कि एक शासकीय विद्यालय की 7 सीटर स्कूल वाहन में 18 विद्यार्थी ओवरलोड मिले तो वाहन पर विधि अनुसार कार्रवाई की गई। एक यात्री बस में भी क्षमता से अधिक सवारियां मिली तो उस पर भी कार्रवाई की गई। नगर पालिका के 2 कचरा वाहन जांच के दौरान अनफिट पाए गए। इसके अतिरिक्ति एक वाहन द्वारा दोपहर 12 बजे तक कचरा कलेक्शन नहीं किया गया था। कार्रवाई के दौरान दो पहिया वाहनों पर तीन सवारी, दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों में बिना लायसेंस व अधूरे दस्तावेजों के साथ वाहन चलाने वाले, नियमानुसार नंबर प्लेट नहीं लगाने वाले वाहनों पर भी कार्रवाई की गई। न्यायाधीशगण द्वारा एक-एक वाहन एवं दस्तावेजों की स्वयं जांच कर उन पर जुर्माना लगाया गया। यह कार्रवाई तीन घंटे से अधिक समय तक चली। कार्रवाई के दौरान मोबाइल कोर्ट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना नायडू बोड़े, जिला रजिस्ट्रार एवं न्यायाधीश स्वप्नश्री सिंह एवं अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गण, ट्रैफिक पुलिस के जवान, पुलिस जवान, न्यायालयीन कर्मचारी उपस्थित रहे।
इधर बुधनी में भी मोबाईल कोर्ट लगाकर की वाहनों की चैकिंग –