लोकगायन और नृत्य नाटिका से भक्तिमय हुआ सलकनपुर धाम

सीहोर। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर मां विजयासन माता मंदिर प्रांगण, सलकनपुर में ‘शक्ति पर्व’ का भव्य आयोजन किया गया। संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में लोकगायन, भक्ति गीतों और नृत्य नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने मां की महिमा का गुणगान किया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
कार्यक्रम की शुरुआत भोपाल की गायिका पूर्णिमा चतुर्वेदी के लोकगायन से हुई। उन्होंने गणेश वंदना से लेकर देवी गीतों तक की कई प्रस्तुतियां दीं। अंबे मैया आओ रे पूजू तुम्हारे पांव… और फूल बगियन में देख आई सखियां, मैया बिजासन आई है… जैसे गीतों से उन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुति में आराधना पाराशर, मीनाक्षी पगारे और प्रज्ञा अत्रे ने संगत दी।
इसके बाद मुंबई के प्रसिद्ध गायक चरणजीत सिंह सौंधी ने अपने भक्ति गीतों से समां बांध दिया। उन्होंने श्कर दो दया मेरी मां…., मैया आ गई दरबार…. और मेरी शेरावाली माता है… जैसे अपने स्वरचित गीतों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शिव-सती गाथा का अद्भुत मंचन
कार्यक्रम का सबसे आकर्षक हिस्सा भोपाल की दुर्गा मिश्रा और उनके साथी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका शिव-सती गाथा रही। कथक शैली में प्रस्तुत इस नाटिका में कलाकारों ने दक्ष प्रजापति के अहंकारए सती के आत्मदाह और शिव के रौद्र रूप की कथा को जीवंत कर दिया।
20 कलाकारों ने किया मंत्रमुग्ध
करीब 20 कलाकारों ने बेहद खूबसूरती से यह दिखाया कि कैसे दक्ष ने शिव सती को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया, जिससे क्रोधित होकर सती ने खुद को अग्नि में भस्म कर लिया। इसके बाद शिव के तांडव नृत्य और श्रीहरि द्वारा सती के शरीर के अंगों को सुदर्शन चक्र से खंडित कर शक्तिपीठों की स्थापना की कथा का भावपूर्ण मंचन किया गया। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और तालियों की गडग़ड़ाहट से पूरा प्रांगण गूंज उठा।