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सीहोर: खरीफ उपार्जन पंजीयन के लिए 12 पंजीयन केंद्र निर्धारित

सीहोर। खरीफ फसल उपार्जन के तहत किसान पंजीयन के लिए जिला उपार्जन समिति के निर्णय अनुसार जिले में 12 पंजीयन केन्द्र निर्धारित किए किए गए हैं। कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देशानुसार भैरूंदा की किसान विपणन सहकारी समिति, बुधनी, शाहगंज, जवाहरखेड़ा, बनेटा प्लॉट, गादर, नांदनेर, रेहटी, बोरदी, बायां, माथनी की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति एवं सीहोर वर्कशाप रोड़ स्थित सहकारी विपणन एंव प्रक्रिया संस्था मर्यादित सीहोर में पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं।
कलेक्टर के निर्देशानुसार किसान पंजीयन 19 सितंबर 2024 से 4 अक्टूबर तक किया जाएगा। विगत वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी किसान पंजीयन को भू-अभिलेख के डाटाबेस आधारित होगा। खरीफ उपार्जन में समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटा अनाज उपार्जन के लिए निर्धारित प्रारूप में किसान पंजीयन आवेदन मय सभी आवश्यक दस्तावेज समग्र आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता पास बुक मोबाईल नंबर उपलब्ध कराना होगा। सभी पंजीयन केन्द्रों पर भौतिक, मानव संसाधन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का संपूर्ण दायित्व पंजीयन केन्द्र संचालन करने वाली संस्था का होगा। पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरिफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओ.टी.पी. से या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जायेगा। यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित स्पेसिफिकेशन अनुसार बायोमेट्रिक डिवाइस उपलब्ध कराने वाले निर्माता/वेंडर की सूची खरीफ उपार्जन नीति के अनुसार है, जिसमें किसी भी डिवाइस का उपयोग पंजीयन के लिए किया जा सकता है।
ये व्यवस्थाएं करने के निर्देश –
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने पंजीयन केन्द्रों पर नियुक्त समिति द्वारा कम्प्यूटर आपरेटर, निर्धारित हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन, निर्वाध विद्युत व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कम्प्यूटर, प्रिंटर डोंगल स्कैनर यूपीएस, लेपटाप, बैटरी, कुर्सी टेबल, पेयजल, किसानों के बैठने के लिए छायादार स्थल आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही वह पंजीयन मान्य होगा। सिकमी/बटाईदार/वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। पंजीयन कंन्द्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर हो तथा सिकमीनामे की प्रति साथ में लेकर आना होगा। सिकमीनामें की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑपरेटर द्वारा स्केन कर अपलोड करनी होगी, इसके उपरांत ही पंजीयन की कार्यवाही पूरी होगी। सिकमी/बटाईदार/वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। किसानों को वनपट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति व अन्य दस्तावेज साथ में लाना अनिवार्य है। वनपट्टाधारक किसान के पंजीयन मे वनपट्टा कमांक खसरा रकबे एवं बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी। सिकमी/बटाईदार/पट्टाधारी किसान का आधार नंबर प्रविष्ट किया जाएगा। आधार नंबर प्रविष्टि के उपरांत किसान के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा, जिसके माध्यम से सत्यापन आधार डाटाबेस में दर्ज पूर्ण जानकारी यूआईडीएआई से ई-उपार्जन पोर्टल पर प्राप्त होगी। मोबाईल नहीं होने पर बायोमेट्रिक डिवाईस से भी सत्यापन किया जा सकेगा। किसान द्वारा बोई गई फसल की किस्म, रकबा तथा विक्रय योग्य मात्रा की जानकारी एवं उत्पादित फसल का भंडारण किन स्थानों पर किया गया है अथवा किया जाएगा, इसकी जानकारी भी आवेदन में दर्ज की जाएगी। किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। जनधन अक्रियाशील (विगत 6 माह से क्रियाशील न हो) सयुक्त बैंक खाते एवं फिना, एयरटेल पेटीएम, एव नाबालिग बैंक खाता पंजीयन में मान्य नहीं होगें। पजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाइल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखे।

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