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सीहोर: घटना के बाद आदेश निकाला, लेकिन पहले निकले आदेश का नहीं कराया पालन

- लापरवाही बरतने वाले पटवारी एवं पंचायत सचिव पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई

सीहोर। जिले के ग्राम बड़ी मुंगावली में ढाई साल की सृष्टि के बोरवेल में गिरनेे की घटना केे बाद अब जिला प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ आदेश निकाला गया। एसडीएस सीहोर द्वारा 9 जून 2023 को जारी आदेश में समस्त पटवारी एवं पंचायत सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना केसिंग केे खुले बोेरवेेल तथा कुएं, बावड़ियों का सर्वे करें एवं इन्हें बंद करने की कार्रवाई करें। इस आदेश में कलेक्टर द्वारा 16 मार्च 2023 को निकाले गए आदेश का हवाला भी दिया गया है, लेकिन अब तक इस आदेश का पालन करानेे में प्रशासन असफल ही रहा है। यदि इस आदेश का पालन कराया जाता तो शायद सृष्टि आज हमारे बीच में होती।
सीहोर एसडीएम ने जारी किया आदेश-
ग्राम मुंगावली में हुई घटना के बाद सीहोर एसडीएम अमन मिश्रा द्वारा जारी आदेश में समस्त पटवारी एवं पंचायत सचिवों को निर्देश दिए गए हैैं कि वे अपने-अपने हल्के एवं पंचायतों केे अंतर्गत आने वाले ग्रामोें का सर्वेे करके वहां पर खुले हुए बिना केंसिंग के बोेरवेल, कुएं, बावड़ियोें को देखें एवं सुरक्षात्मक दृष्टि एवं ऐसे खतरनाक बोरवेल, कुएं, बावड़ी को बंद करने की कार्रवाई करें। सर्वेे के बाद यदि कोई बोेरवेल खुला पाया गया एवं उसमें ऐसी कोेई अप्रिय घटना हुई तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित पटवारी एवं पंचायत सचिव की होगी और उन पर दंडात्मक एवं अनुशासनात्मक कठोर कार्रवाई भी की जाएगी। हालांकि ग्राम मुंगावली में हुई घटना केे दोेषी पटवारी एवं पंचायत सचिव पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कलेक्टर ने जारी किया था आदेश, लेकिन नहीं हुआ पालन-
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने 16 मार्च 2023 को आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि यदि कोेई भी व्यक्ति, खेत मालिक, मकान मालिक या संस्था प्रमुख यदि बोेर कराने के बाद उसे खुला छोड़ता है तोे उस पर अब भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। धारा 188 केे तहत कार्रवाई होने पर एक माह की जेल एवं 200 रूपए का जुर्माना या दोनों की सजा होगी। इसके साथ ही कलेक्टर द्वारा एक मोबाइल नंबर भी जारी किया गया था, जिस पर शिकायत करने पर शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी एवं संबंधित व्यक्ति तक तुरंत कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियोें का उपयोग करते हुए आदेश जारी किया था कि बोेर खनन करते समय भूमि स्वामी एवं बोेर खननकर्ता किसी भी स्थिति में बोर का मुंह खुला नहीं छोड़ेंगेे। जिन बोरवेल में पानी नहीं है तथा जिन्हें उपयोग मेें नहीं लिया जा रहा है उन बोरवेल को खुला नहीं छोड़ें, साथ ही उन पर लोहेे का ढक्कन लगाएं या आसपास जाली लगाकर फेंसिंग करें, लेकिन इस आदेश का पालन कहीं नहीं कराया गया। इस आदेश का पालन होता तोे सृष्टि के साथ हुई इस घटना से बचा जा सकता था। कलेक्टर द्वारा मोेबाइल नंबर 9303628757 जारी किया गया था। इस नंबर पर शिकायत करने पर शिकायतकर्ता की पहचान को गुप्त रखा जाएगा एवं बोरवेल को खुला छोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसकोे लेकर सभी तहसीलोें में भी निर्देेश दिए गए हैं कि बोरवेल खुला होने की सूचना पर तुरंत जाकर कार्रवाई की जाए।
इनका कहना है-
सभी पटवारी एवं पंचायत सचिवों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जो भी खुले हुए बोर, कुएं या बावड़ियां हैं उनका सर्वे करके उन्हें बंद कराएं। तीन दिनों में ये कार्रवाई पूरी करनेे के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही अब ऐसी लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।
– अमन मिश्रा, एसडीएम, सीहोर

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