सीहोर: कुबेरेश्वर धाम की खस्ताहाल सड़क पर गैड़ी खेली, किया प्रदर्शन
- इछावर के पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल के नेतृत्व में जताया विरोध

सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर के सामने खस्ताहाल सड़क को लेकर अनोखा प्रदर्शन किया गया। कीचड़ में गैड़ी खेलकर पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों और श्रद्धालुओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान रहवासियों ने प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक करण सिंह वर्मा के खिलाफ नारे लगाए। इस मार्ग पर कई लोग फिसलकर घायल भी हो चुके हैं। जरा सी बारिश होने के बाद यह मार्ग कीचड़ के दलदल में तब्दील हो जाता है। प्रतियोगिता में भाडाखेड़ी के संतोष, छापरी निवासी राजेन्द्र वर्मा, नापल्याखेड़ी निवासी राजेन्द्र वर्मा, शंकर, हेमराज सिंह, दिनेश वर्मा और देवनारायण मालवीय आदि शामिल थे।
इस मौके पर पूर्व विधायक शैैलेंद्र पटेल ने कहा कि यह खेल कीचड़ में खेला जाता है और कुबेरेश्वर धाम के सामने इतना कीचड़ है कि इस प्रतियोगिता को आयोजित करने में परेशानी नहीं हुई। कई बार प्रतियोगिता के लिए आयोजकों को कीचड़ मचाना पड़ता है, लेकिन हमें मचामचाया कीचड़ मिल गया। जिसे हटाने की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन वो नहीं हटा रही तो प्रतियोगिता का आयोजन हमारे द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के कारण हमारे क्षेत्र का नाम विश्वभर में रोशन है। यहां पर हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और प्रदेश सरकार एवं स्थानीय विधायक करण सिंह वर्मा को चिंता ही नहीं है। खस्ताहाल सड़क होने के कारण श्रद्धालुओं और क्षेत्रवासियों की पीढ़ा को ध्यान दिलाने के लिए इस तरह का अनूठा प्रदर्शन क्षेत्रवासियों के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों को शर्म करना चाहिए कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को यहां पर आकर रोड के निर्माण कराने के लिए कार्य करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में मालवा के कई क्षेत्रों में कीचड़ में गैड़ी का खेल खेला जाता है। इस खेल को लोग मनोरंजन के लिए खेलते हैं। हालांकि अब इसकी परंपरा विलुप्त होती जा रही है। इस विलुप्त होती परंपरा के जरिए इछावर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल के नेतृत्व में बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासियों ने गैड़ी पर चलकर तालाब रूपी सड़क को पार किया।
पूरी तरह उखड़ गई है सड़क-
कुबेरेश्वर धाम के सामने की रोड पूरी तरह से उखड़ चुकी है। यहां कीचड़ मचा हुआ है, जिससे होकर ग्रामीणों और श्रद्धालुओं को गुजरना पड़ता है। आमजन की इस समस्या को देखते हुए और उनकी बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाने की मंशा के साथ शैलेंद्र पटेल के नेतृत्व में यह अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है। इस दौरान सरपंच प्रतिनिधि धर्म सिंह मेवाड़ा ने बताया कि लंबे समय से यह रोड खस्ताहाल है। इस रोड की स्वीकृति हो चुकी है, लेकिन इसका निर्माण नहीं हो रहा है। इसमें इतने गड्ढे हैं कि ग्रामीणों और श्रद्धालुओं को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विरोध प्रदर्शन के दौरान संतोष पटेल, राकेश नेताजी, अजय राजपूत, धर्मेंद्र सरपंच, बृजेश पटेल, पवन, ओम जलोदिया, ज्ञानसिंह वर्मा, सतीश वर्मा, अमर जीत, देवेन्द्र वर्मा, रिंकू वर्मा, राहुल मालवीय, राजेन्द्र वर्मा, सचिन वर्मा, पिन्टू वर्मा, राम सिंह, राजकुमार जलोदिया, मनीष, राजेन्द्र, प्रेम मालवीय, कृर्ति परमार, दीपक वर्मा, विक्रम वर्मा, जगदीश मेवाड़ा, सागर बाबू, सुनिल मेवाड़ा, दीपक मेवाड़ा, अमर सिंह और श्रीराम आदि शामिल थे।
पूर्व मंत्री ने शुरू कराया मरम्मत कार्य-
इससे पहले देवास के सोनकच्छ से विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी दर्शन करने के लिए कुबेरेश्वर धाम पहुंचे थे। इस दौरान यहां की स्थिति को देखते हुए उन्होंने कुबेरेश्वर धाम के एक किलोमीटर लंबे रोड को बनवाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उन्होंने आनन-फानन में डंपर, जेसीबी मशीन और रोड रोलर मंगवाकर क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत शुरू करा दी। हाईवे से कुबेरेश्वर धाम को जोड़ने वाले एक किलोमीटर लंबे रोड की हालत जर्जर है। बड़े-बड़े गड्डे होने से श्रद्धालुओं को कीचड़ और गंदगी के बीच से होकर जाना पड़ता है। प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को यह बात पता चली तो उन्होंने तत्काल अपने समर्थकों को क्षतिग्रस्त सड़क की स्थिति का आंकलन करने भेजा। इसके बाद एक किलोमीटर लंबी इस सड़क की मरम्मत करने के लिए डंपर, जेसीबी मशीन रोड रोलर सहित कोपरा और मुरम की व्यवस्था की। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम चितावलिया हेमा और अन्य ग्रामों को हाईवे से जोड़ने के लिए इस रोड का निर्माण कार्य कराया गया था। कुबेरेश्वर धाम में मंदिर निर्माण, शिवमहापुराण की कथाएं और रूद्राक्ष महोत्सव के चलते यहां की प्रधानमंत्री सड़क योजना की सड़क पर यातायात का दबाब बढ़ता चला गया। इससे सड़क की हालत खराब हो गई है।