
सीहोर। नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा लगातार शहर के टाउन हाल के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने भैंस के आगे बीन बजाते हुए उन्हें नियमित करने की मांग की। संविदा कर्मी लगातार अनोखे ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले सीरिंज से अपना खून निकाला और उसी खून से मुख्यमंत्री को पत्र लिखे। पत्र में लिखा गया मामाजी अब शर्म करो, अपने भांजे-भांजियों पर रहम करो। इसके पहले रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। संविदा कर्मी धरना देते हुए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले में 950 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल जारी है और वे धरने पर बैठे हैं। अपनी मांगों को लेकर पिछले दिन झाडू लगाकर, भूसा खाकर अन्य तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास हड़तालरत कर्मचारियों द्वारा किया गया है। धरना स्थल पर बुधवार को सहज योग समिति के द्वारा कर्मचारियों को योग कराया गया। इस मौके पर शहर के अलावा श्यामपुर ब्लाक के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। वहीं गुरुवार को एक साथ 32 हजार हड़तालरत कर्मचारी पीएम और सीएम को अपनी मांगों के समर्थन में ई-मेल करेंगे। इस मौके पर टाउन हाल से भी प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी भी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर ई-मेल करेंगे।
प्रभावित हो रही हैं जिलेभर की स्वास्थ्य सुविधाएं-
नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है, जिसके कारण जिलेभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से केंद्रों पर पहुंचने वाले मरीजों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में एक नीति लागू की थी, जिसके तहत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को 90 प्रतिशत वेतनमान दिया जाना है, लेकिन अब तक उक्त वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश के अधिकांश संविदा कर्मचारी सेवानिवृत्ति पर पहुंचने वाले हैं, किंतु सरकार ने उन्हें भी अब तक नियमित नहीं किया है। सरकार से मांग है कि शीघ्र ही प्रदेश के समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित किया जाए। बुधवार को जिला अध्यक्ष अंबर मालवीय, मनीष दुबे, रोहित सिसोदिया, नीतेश बातव, गंगा गर्ग, रीना अहिरवार, माया व्यास, काजल विश्वकर्मा, पूजा मीना, लवली मेवाड़ा, कृष्णा राठौर, मुकेश बगेनिया, नीरज मेवाड़ा, महेंद्र सिंह ठाकुर, मंगल सिंह ठाकुर, जितेंद्र मेवाड़ा, सीता विमल आदि शामिल थे।
इनका कहना है-
संविदा स्वास्थ्य कर्मी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ कई वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें बहुत कम वेतन दिया जा रहा है, जिसके कारण वह अपने परिवार का ठीक से भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं। हमारी मांग है कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
– अंबर मालवीय, जिलाध्यक्ष, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, सीहोर