सीहोर: संविदाकर्मियों ने नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र, कोरोना की आहट ने बढ़ाई चिंता
- वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाक़ात, 15 दिसम्बर से चल रही है अनिश्चितकालीन हड़ताल

सीहोर। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की हड़ताल निरंतर जारी है। अब संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें ने अपने खून से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर नियमित किए जाने की मांग की है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और पोस्ट आफिस से सीएम हाउस के लिए पोस्ट किया। इधर कोरोना की आहट ने फिर से चिंता कोे बढ़ा दिया है। कोरोना की दस्तक होने लगी हैै औैर ऐेसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें की हड़ताल हैै, इसके कारण कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हड़ताल को लेकर राज्य प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से उनके निवास पर मुलाक़ात की। मंत्री श्री देवड़ा ने अपर मुख्य सचिव, मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रमुख सचिव वित्त और संविदा स्वास्थ्य संघ के प्रतिनिधिमंडल की संयुक्त बैठक कराने का आश्वासन दिया है। इससे मांगों के संबंध में वित्तीय समाधान निकाला जा सके। अभी करो अर्जेंट करो के नारे के साथ हड़ताल निरंतर जारी है। सोमवार को मिशन संचालक और स्वास्थ्य आयुक्त के साथ संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर संयुक्त बैठक हुई थी। हालांकि बैठक के नतीजे सामने नहीं आए हैं। यहां बता दें कि प्रदेश के 32 हजार तथा सीहोर जिले के 950 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने 15 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की है।
स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई, लोग हो रहे परेेशान-
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। जननी सुरक्षा, मुख्यमंत्री प्रसूता सहायता योजना, परिवार कल्याण सहित कई कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। एएनएम, लेब टैक्नीशियन, डेम, बेम, स्टॉफ नर्स, डाटा इंट्री आपरेटर, आरबीएसके डॉक्टर, संविदा डॉक्टर, फार्मासिस्ट तथा सीएचओ सहित कई अन्य कैडर के हड़ताल पर रहने से कई स्वास्थ्य संस्थाओं में ताले लटके हुए हैं। जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। कई जगह तोे ताले लटके हुए हैं।
कोरोना की आहट, ऐसे में बढ़ी चिंता-
इधर कोरोना की आहट फिर से शुरू हो गई है। सरकार ने सभी जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं। कई जिलों द्वारा तो मास्क लगाने सहित कई अन्य दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें की हड़ताल ने सरकार सहित सीहोर जिला प्रशासन की चिंता को बढ़ा दिया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें पर स्वास्थ्य विभाग की कई अहम जिम्मेदारियां हैैं, ऐेसे में इनकेे हड़ताल पर होने से अब अस्पताल प्रबंधन को भी चिंता होेने लगी है।
ये रहे शामिल-
इस मौके पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अंबर मालवीय, मनीष राठौर, शैलेष शैल, गोपाल, मनीष दुबे, नीलेश गर्ग, मुकेश बागेनिया, गंगा गर्ग, हरिनारायण अहिरवार, सतवीर, प्रमोद परमार, राजकुमार, अषद खान, मनीष दुबे, सुनीता पटेल, हर्षिता, नरेन्द्र मालवीय, गरिमा राठौर, अवधेेश सिंह, जितेन्द्र सेन, करिश्मा, निशा, रजनी सागर, अरुणा कुशवाहा, प्रदीप भावसार, अभिलाषा वर्मा, राजकुमार, एलम सिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य कर्मचारी मौैजूद रहे।
इनका कहना है-
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से निश्चित रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर हुआ है। आधा स्टॉफ संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियोें का है। ऐसे में वे हड़ताल पर हैैं तोे नियमित स्टॉफ उनकी ड्यूटी भी कर रहा है। अब तक तोे व्यवस्थाएं संभाली है, लेकिन अब जल्द ही शासन-प्रशासन को इस संबंध मेें निर्णय लेना होगा, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओें पर इसका असर न पड़े। कोरोना के मामले भी सामने आने लगे हैं, ऐसे में चिंताएं बढ़ने लगी हैं।
– डॉ. प्रवीर गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय, सीहोर