Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीरेहटीसीहोर

Sehore News : आशा, ऊषा, आशा सहयोगी श्रमिक संघ के धरने के तीसरे दिवस काली पट्टी बांध जताया विरोध

सीहोर। आशा, ऊषा, आशा सहयेागी श्रमिक संघ विगत् कई समय से शासन/प्रशासन से अपनी समस्याओं को लेकर प्रसायरत् है, परन्तु इनकी समस्याओं का समाधान नही हो सका है, जिसको लेकर संघ द्वारा फिर से मजबूर होकर सात दिवसीय हड़ताल पर है संघ की अध्यक्ष  चिंता चौहान ने बताया कि हमारी जायज मांगों को लेकर शासन/प्रशासन अनसुनी कर रहे हैं, इसी की वजह है कि हम सभी कार्यकर्ताओं को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हम हमारे हक की लड़ाई लड़ रहे हैं यह लड़ाई जारी रहेगी। आज बुधवार को धरने पर बैठी सभी कार्यकर्ताओं काला दिवस मनाते हुए हाथ में काली पट्टी बांध विरोध जताया है।
हमारी मांग है कि मध्य प्रदेश की अधिकांश आशायें अभी भी मात्र 2000 रुपये के अल्प वेतन में गुजारा करने के लिये विवश है, यह राशि भी केन्द्र सरकार द्वारा देय है। आन्ध्र प्रदेश सरकार अपनी और से 8,000 मिलाकर आशा को 10,000 रुपये का मानदेय देते है, तेलंगाना में राज्य सरकार 7,500 रुपये मिलाकर 9,500 रुपये देते है। इसी तरह केरल, महाराष्ट्र, हरियाणा सहित सभी राज्य सरकारें आशा एवं पर्यवेक्षकों को अपनी ओर से अतिरिक्त मानदेय दे रही है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने आशा एवं पर्यवेक्षक को अपनी ओर से विगत 15 वर्षों से कुछ भी नहीं दिया।
आशाओं की प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित किया जाये। आशाओं के प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोका जाये। प्रत्येक आशा से अब तक काटी गयी सभी राशियों का एरियर सहित भुगतान किया जाये। आशाओं के द्वारा की गयी कोविड वैक्सीनेशन ड्यूटी, डी पी टी बूस्टर वैक्सीन, एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन, निर्वाचन कार्य सहित सभी काम का बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जावे। प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान सुनिश्चित किया जाने हेतु ठोस कदम उठाया जावे। आशाओं के लिये निर्धारित कार्य के अलावा अन्य कार्य नहीं काया जाये। आशाओं की मीटिंगों एवं पर्यवेक्षकों के वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान किया जाये।  आशा एवं पर्यवेक्षकों को वेतन सहित 20 कैजुअल अवकाश एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाया जाय। आशा एवं पर्यवेक्षको को शासन के कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतने को दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधायें दिया जाये। बिना किसी जांच के आशाओं की सेवा समाप्ति पर तुरंत रोक लगायी जाये। विगत एक वर्ष में निष्क्रिम आशा बताकर आशाओं की की गयी सेवा समाप्ति की जांच कराया जाने एवं जबरन एवं अनुचित तरीके से सेवा सक्रिय आशाओं को बहाल किया जावे। पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किये बिना आशा एवं पर्यवेक्षकों को सेवानिवृत्त न किया जाये। ड्यूटी के दौरान आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित किया जावे। सभी पीएचसी, सीएचसी और अस्पतालों में सुरक्षित एवं सुविधायुक्त आशा रूम उपलब्ध कराएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button