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Sehore News… अफसर कर रहे पर्याप्त खाद का दावा, किसानों को नहीं मिल रहा डीएपी

सीहोर। सीहोर जिलेभर में किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं। एक तरफ अधिकारी बैठकों में दावा कर रहे हैं कि सीहोर जिले में पर्याप्त खाद है, लेकिन किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रहा है। इसके कारण वे परेशान हैं। अपने कामकाज छोड़कर दिनभर सोसायटियों में वे खाद का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि किसानों को यूरिया एवं एनपीए खाद तो दिया जा रहा है, लेकिन वह भी उनकी जरूरत के अनुसार कम ही मिल रहा है। किसानों को यूरिया खाद की भी ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन प्रति एकड़ दो बोरी ही दिया जा रहा है, जबकि प्रति एकड़ चार से पांच बोरी यूरिया खाद की लगती है। इसी तरह प्रति एकड़ एक बोरी एनपीए दिया जा रहा है, जबकि यह भी 2 से 3 बोरी लगता है।
किसानों पर दोहरी मार –
एक तरफ किसान खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मौसम भी किसानों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है और वे परेशान हैं। किसानों की सोयाबीन की चमक भी बारिश के कारण फीकी पड़ गई है तो वहीं उन्हें उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। मक्का की फसल पर भी बारिश का कहर जारी है। किसान चंपालाल, स्वरूप सिंह, रामकिशोर सहित अन्य किसानों का कहना है कि इस बार बारिश ने फसलों को बहुत प्रभावित किया है। किसानों का कहना है कि एक तरफ मौसम ने परेशान करके रखा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ खाद की किल्लत ने भी परेशानियों को बढ़ा दिया है। पर्याप्त खाद नहीं मिलने के कारण आगामी फसलों में भी दिक्कतें होंगी। ऐसे में उन्हें खाद की पर्याप्त उपलब्ध हो।
अधिकारी कर रहे पर्याप्त खाद का दावा –
सीहोर जिले में कृषि विभाग के अधिकारी पर्याप्त खाद होने का दावा कर रहे हैं। पिछले दिनों कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा कृषि विभाग के उप संचालक केके पांडे सहित अन्य अधिकारियों की बैठक में भी खाद को लेकर चर्चा के दौरान पर्याप्त खाद होने का हवाला दिया गया। हालांकि यूरिया एवं एनपीए की तो लगातार सप्लाई हो रही है, लेकिन अब तक डीएपी खाद कई सोसायटियों तक नहीं पहुंच सका है। ऐसे में किसान परेशान हो रहे हैं और वे दिन-दिनभर इंतजार करके शाम को घर आ जाते हैं। कृषि विभाग के उपसंचालक केके पांडे ने बताया कि यूरिया और एनपीए की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। हर दिन रैक लग रही है, लेकिन डीएपी नहीं आ रहा है। किसान डीएपी की जगह एनपीए का प्रयोग करें।
कालाबाजारी की आशंका, बाजार में मिल रही नकली खाद –
डीएपी की किल्लत से इसकी कालाबाजारी की भी आशंका है। व्यापारियों ने डीएपी को डंप करके रखा हुआ है। इधर कई किसान जब बाजारों में डीएपी लेने के लिए पहुंच रहे हैं तो उन्हें महंगी दरों पर खाद टिकाया जा रहा है। साथ ही कई जगह से शिकायतें भी आई हैं कि उन्हें बाजार से नकली खाद दे दिया गया है। अब किसान खाद की किल्लत से परेशान हो रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री के जिले में यह स्थिति –
केंद्रीय कृषि मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में ही खाद की किल्लत हो रही है। इससे पहले उनके मुख्यमंत्री रहते हुए जिले में खाद की ऐसी किल्लत नहीं आई, लेकिन इस बार किसान कुछ ज्यादा ही परेशान है। एक तरफ सीहोर जिले के बुधनी में विधानसभा के उपचुनाव है। अब किसान कह रहे हैं कि यदि उन्हें खाद की उपलब्धता नहीं कराई गई तो वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
खराब फसल का मुआवजा व बीमा दिए जाने की भी मांग –
सीहोर जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम चंदेरी के किसान समाजसेवी किसान एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में विगत कई समय से धरना, प्रदर्शन करते हुए अतिवृष्टि के कारण खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा देने एवं बीमा राशि देने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान किसानों ने पेड़ पर चढ़कर, घंटी बजाकर, जल सत्याग्रह करके, अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर, मुख्य सचिव से मुलाकात करके भी मुआवजा एवं बीमा राशि की मांग की है, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं हो सका है। जिले के दर्जनों गांवों के किसान खराब हो चुकी सोयाबीन की फसल का शीघ्र सर्वे कराकर राहत राशि एवं बीमा राशि देने की मांग कर रहे हैं। समाजसेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में ग्राम बमूलिया, दोराहा सहित कई गांवों के किसानों ने धरना, प्रदर्शन किया।

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